अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने अतिथि शिक्षकों को खराब परीक्षा परिणाम के लिए दोषी ठहराने का विरोध करते हुए कहा है कि प्राचार्य खुद की और अन्य शिक्षकों की नाकामयाबी का ठीकरा अतिथि शिक्षकों पर फोड़ रहे हैं। माननीय स्कूल शिक्षा मंत्री जी से विनम्र निवेदन है कि सभी के परीक्षा परिणाम की समीक्षा करवाएं।
85 प्रतिशत अतिथि शिक्षकों का परीक्षा परिणाम बहुत अच्छा है उनको पुरस्कृत करना चाहिए। बीच सत्र में सीधी भर्ती प्रमोशन और ट्रांसफर करने से भी ऐसी स्थिति बनी है। जिन अतिथि शिक्षकों का परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से कम है उनके विगत सत्रों का परीक्षा परिणाम भी देखा जाय और उनके सेवाकाल को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए। जुलाई से अप्रैल तक कार्यरत है या अतिथि शिक्षकों को तीन चार माह अध्यापन कार्य कराने का अवसर ही मिला है। इन सब बातों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। जो प्राचार्य अतिथि शिक्षकों को खराब परीक्षा परिणाम के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं संगठन उनकी घोर निन्दा करता है। अतिथि शिक्षकों को प्रतिमाह मानदेय भुगतान ना करते हुए तीन चार माह में मानदेय दिया जाता है।
फिर 50 किलो मीटर दूर जाकर अध्यापन करवाना मुश्किल कार्य है। परिवार के भरण पोषण की चिंता हमेशा बनी रहती है। कुछ हद तक सरकार की गलत नीतियां भी खराब परीक्षा परिणाम के लिए जिम्मेदार हैं। 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले अतिथि शिक्षकों को एक जून से प्रशिक्षण देना चाहिए। यदि आगामी सत्र में उनके परीक्षा परिणाम में सुधार नहीं हो तब कार्यवाही करना उचित होगा। पत्र लेखक - सुनील सिंह परिहार, प्रदेश अध्यक्ष, अतिथि शिक्षक समन्वय समिति
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