पूरे भारत में जब कहीं कोई घोटाला होता है तो लोग सीबीआई जांच की मांग करते हैं क्योंकि उन्हें विश्वास होता है कि सीबीआई के अधिकारी बेईमान नहीं होते, लेकिन मध्य प्रदेश में सीबीआई जांच के दौरान घोटाला हो गया। सीबीआई की अधिकारियों ने घोटालेबाजों से हाथ मिला लिया और उन्हें क्लीन चिट दे दी। हालांकि सीबीआई की दूसरी टीम ने उन्हें पकड़ लिया। इंस्पेक्टर राहुल को बर्खास्त कर दिया गया है और इस मामले में आरोपियों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है।
MP CBI जांच घोटाला - चार अधिकारियों पर आरोप, दो गिरफ्तार, एक बर्खास्त
मामला मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज घोटाले का है। हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है। इसी जांच के दौरान बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। कल सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज को गिरफ्तार किया गया था। आज उनको बर्खास्त कर देने का समाचार मिला है। सीबीआई ने 10 नए आरोपी घोषित किए हैं। इनमें सीबीआई के ही डीएसपी और एक इंस्पेक्टर शामिल हैं। अब मामले में 4 सीबीआई अफसरों को मिलाकर आरोपियों की संख्या कुल 23 हो गई है। नए आरोपी डीएसपी आशीष प्रसाद और इंस्पेक्टर रिषिकांत असाठे भोपाल के शिवाजी नगर में रहते हैं। इससे पहले सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज और सुशील कुमार मजोका गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
सीबीआई ने अपनी प्रतिष्ठा बचाने 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी
अफसरों की रिश्वतखोरी की शिकायत के बाद सीबीआई की 7 कोर टीम और 3 से 4 सहायक टीमों ने भोपाल, इंदौर, रतलाम समेत राजस्थान के जयपुर में 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी। कुल 2.33 करोड़ नकद, चार सोने के बिस्किट और 36 डिजिटल डिवाइस जब्त की गईं। आरोपियों से 150 से अधिक अनाधिकृत दस्तावेज भी मिले।
पूरी टीम ही संदेह के दायरे में आ गई है
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि इस मामले में अब पूरी जांच टीम ही संदेह के दायरे में आ गई है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर गठित जांच टीम ने 600 में से 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट दी थी। इस टीम ने रीवा के सरकारी कॉलेज को अनफिट करार दिया था। वहीं, कई ऐसे कॉलेज हैं, जो फिट नहीं थे और उन्हें फिट बता दिया था। अब दिल्ली के सीबीआई अधिकारी, भोपाल के अफसरों को पूरे मामले से अलग रखकर हर संदेही की जानकारी जुटा रहे हैं। इसके लिए सोमवार तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों को लेकर एक टीम दिल्ली गई है।
राहुल राज की टीम के पास 60 कॉलेजों की जांच थी
हाई कोर्ट ने आदेश दिया था किसी सीबीआई प्रत्येक कॉलेज की जांच करें और पता करे कि, नर्सिंग कॉलेज में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं। उसके आधार पर रिपोर्ट सबमिट करें। सीबीआई रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट कॉलेज संचालक पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने की कार्रवाई कर रहा था। जांच में पता चला है कि नर्सिंग कॉलेजों के निरीक्षण के एवज में वसूली का गिरोह सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज चलाता था। राहुल की टीम के पास 60 कॉलेजों की जांच थी। उसने अलग-अलग जिलों में बिचौलियों की टीम तैयार कर रखी थी। वह इनसे लगातार संपर्क में रहने के साथ बैठक भी करता था। जिस कॉलेज से सौदा तय होता था, उनके यहां निरीक्षण का समय और दिन पहले ही बता दिया जाता था। उगाही से मिली राशि राहुल राज राजस्थान के झालावाड़ निवासी धर्मपाल तक पहुंचाता था। इसके लिए भी इसी गिरोह के नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया।
सुमा भास्करन ने दी थी 10 लाख की रिश्वत
सीबीआई की छापेमारी के दौरान सबसे पहले इंस्पेक्टर राहुल राज को 10 लाख रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। रिश्वत देने वाले 4 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया था। इनमें मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग, भोपाल के मालिक अनिल भास्करन की पत्नी एवं कॉलेज प्रिंसिपल सुमा भास्करन भी शामिल थीं। सीबीआई ने दलाल के रूप में काम कर रहे ओम गोस्वामी, रवि भदौरिया और जुगल किशोर सहित तीन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है।
बर्खास्त इंस्पेक्टर को केंद्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित किया गया था
CBI की एक टीम ने भोपाल में इंस्पेक्टर राहुल राज के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित घर पर छापा मारा। तलाशी में 7 लाख 88 हजार रुपए नकद और 100-100 ग्राम के सोने के बिस्किट मिले। राहुल को अगस्त 2023 में उत्कृष्ट जांच के लिए केंद्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित किया गया था। वे CBI के उन 15 अफसरों में शामिल थे, जिन्हें यह सम्मान मिला था। वहीं, इंस्पेक्टर सुशील मजोका को मध्यप्रदेश पुलिस से डेप्युटेशन पर CBI, भोपाल भेजा गया था।
रिश्वत के लेन-देन में करते थे कोडवर्ड का यूज
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कई खुलासे हुए हैं। आरोपी रिश्वत के लेन-देन में छाछ गिलास, अचार की बरनी जैसे विशेष कोडवर्ड का इस्तेमाल कर रहे थे। पैसा उठाने वाले को कैरियर, लाखों रुपए को अचार की बरनी और रुपयों की गिनती को किलो आम कहते थे।
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