मध्य प्रदेश के देवास में फसल मुआवजा घोटाला के चलते कन्नौद, खातेगांव और सोनकच्छ क्षेत्रों के 16 पटवारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई। इसके पहले टोंकखुर्द के दो पटवारी और सोनकच्छ एवं कन्नौद के दो लिपिकों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं।
जानकारी के अनुसार पूरा मामला करीब 1 करोड़ 72 लाख रुपये से ज्यादा का था। गड़बड़ी महालेखागार ग्वालियर द्वारा जारी की गई आडिट रिपोर्ट में सामने आई थी। इसके बाद से ही जांच और कार्रवाई की जा रही है। जानकारी के अनुसार कई मामले वर्ष 2020-21 की राहत राशि वितरण में गड़बड़ी के हैं। कुछ मामले वर्ष 2019-20 की किसानों को मिलने वाली राहत राशि के हैं।
वित्तिय अनियमितता संबंधी मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने मामले में जांच शुरू करवा दी थी। इसके बाद से ही लगातार जांच और कार्रवाई की जा रही है। मामले में आगे भी कार्रवाई होने की उम्मीद है।
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