15 मार्च 2024 के हुए देश के बहुचर्चित जबलपुर हत्याकांड मामले में 75 दिन तक पुलिस को चकमा देने के बाद हत्या के दोनों आरोपी (लड़का और लड़की) गिरफ्तार कर लिए गए हैं। पुलिस ने हरिद्वार से लड़की को गिरफ्तार किया था। उस समय लड़का पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था परंतु आज उसने खुद पुलिस स्टेशन आकर सरेंडर कर दिया।
मैं वही मुकुल हूं, जिसने राजकुमार और तनिष्क की हत्या की थी
गुरुवार रात करीब 11:45 बजे सिविल लाइन थाने में रोजाना की तरह पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे। इसी दौरान मुंह पर कपड़ा बांधकर एक युवक पहुंचा। बोला- मुझे इंस्पेक्टर सर से मिलना है। ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी ने कारण जानना चाहा तो बाद युवक ने कहा कि मेरा नाम मुकुल सिंह है। मैं वही मुकुल हूं, जिसने 15 मार्च को मिलेनियम कॉलोनी में राजकुमार और तनिष्क की हत्या की थी। इसके बाद मौजूद पुलिस स्टाफ ने मुकुल सिंह को हिरासत में लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी। वरिष्ठ अधिकारी थाने आए और मुगल सिंह को एक गाड़ी में बैठ कर ले गए।
लड़की हत्याकांड की प्लानिंग से साथ दे रही थी
सूत्रों के मुताबिक राजकुमार ने नाबालिग बेटी से रेप के मामले में मुकुल को जेल भिजवाया था, उसी समय से उसने बदला लेने की ठान ली थी। मुकुल कुछ दिनों बाद जमानत पर जेल से बाहर आ गया। कुछ दिन तो मुकुल शांत रहा, फिर उसने नाबालिग से बात करना शुरू कर दिया। एक दो बार कॉलोनी में गार्ड ने मुकुल और नाबालिग लड़की के घूमने पर आपत्ति जताई तो उसने अपने पिता के अधिकारी होने का रसूख बताते हुए चुप करवा दिया। मुकुल नाबालिग से मुलाकात कर रोजाना यह जानकारी ले रहा था कि राजकुमार घर पर कब-कब रहता है। लड़की भी अपने घर की पल-पल की जानकारी उसको दिया करती थी।
8 साल के मासूम बच्चे ने हत्यारे से संघर्ष किया
पुलिस सूत्रों के अनुसार राजकुमार की हत्या करने का प्लान मुकुल ने कई माह पहले बना लिया था। 14 मार्च की रात को हत्या का सारा सामान इकट्ठा करने के बाद मुकुल अपने घर चला गया था। 15 मार्च की सुबह करीब 8 बजे पीछे के दरवाजे से राजकुमार के घर पहुंचा। उस समय राजकुमार किचन में खाना बना रहे थे। नाबालिग लड़की और 8 साल का मासूम बच्चा तनिष्क कमरे में थे। घर में घुसते ही मुकुल ने राजकुमार के सिर पर भारी धारदार हथियार से हमला कर दिया। पिता की चीख सुनते ही बेटा तनिष्क किचन में आया। उसने अपने पिता को बचाने के लिए हथियारबंद हत्यारे से संघर्ष किया। वह मुकुल सिंह के पैरों में लिपट गया। इसलिए मुकुल सिंह ने मासूम बच्चे की भी हत्या कर दी। बच्चों का सर और कंधा हथियार से काट डाला।
दोनों को समझ में आ गया था कि इस तरह से जिंदगी नहीं बिता पाएंगे
दरअसल, दोनों के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। सीसीटीवी कैमरा की रिकॉर्डिंग भी वायरल हो रही थी। पुलिस द्वारा पोस्टर जारी किया गया था। दोनों पर इनाम घोषित कर दिया गया था। वह ना तो अपना मोबाइल फोन USE कर पा रहे थे ना ही BANK ATM का उपयोग कर पा रहे थे। इतना पैसा भी नहीं था कि, भारत की सीमा से बाहर जा सकेंगे। 70 दिन बीत गए थे, मामला ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा था। दोनों दिन के समय किसी मंदिर या आश्रम में और रात के समय अस्पताल में बिताते थे। अयोध्या, मथुरा से लेकर हरिद्वार तक पूरे पैसे खर्च हो चुके थे। दोनों को समझ में आ गया था कि इस तरह से जिंदगी नहीं बिता पाएंगे। डर लगा रहता था कि कहीं किसी पुलिस वाले को पता चल गया तो एनकाउंटर भी हो सकता है। यहां क्लिकयहां क्लिक करके बचपन का प्यार वाले पागलपन में हुए हत्याकांड की पूरी कहानी पढ़ सकते हैं।
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