मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। तापमान 40 डिग्री के पार हो चुका है और कुछ शहरों में 45 डिग्री क्रॉस कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने स्वयं लोगों से घरों में रहने की अपील की है। ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश के स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां बढ़ाने की मांग की जा रही है। कैलेंडर के अनुसार स्कूल 1 जून को खोले जाने हैं जबकि मध्य प्रदेश में 15 जून को मानसून के प्रवेश करने की संभावना है। माना जा रहा है कि तब तक गर्मी से राहत नहीं मिलेगी।
भीषण गर्मी में 10-20 किलोमीटर दूर परीक्षा देने जाएंगे पांचवी आठवीं के नौनिहाल
मध्य प्रदेश में इस झुलसा देने वाली गर्मी में राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के आदेश पर प्रदेश में कक्षा पांचवीं आठवीं की पूरक /पुनः परीक्षा 3 से 8 जून तक आयोजित होने वाली है, जिसके परीक्षा केंद्र 10 से 20 किलोमीटर दूर तक बनाए गए हैं। इस तरह प्रदेश के नौनिहालों की सेहत से सरासर खिलवाड़ करने की कोशिश जा रही है। ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष डीके सिंगौर ने आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय मध्य प्रदेश एवं आयुक्त, राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल को पत्र लिखकर कक्षा पांचवीं और आठवीं की पूरक/पुनः परीक्षा के टाइम टेबल पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
चुनाव के कारण शिक्षकों को नहीं मिला ग्रीष्मकालीन अवकाश का लाभ
ट्रायबल वेलफेयर टीचर एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष अर्चना गोमास्ता, प्रांतीय आई टी सेल अध्यक्ष रश्मि मरावी, प्रांतीय प्रवक्ता संजीव सोनी महिला विंग जिला अध्यक्ष मीना साहू जिलाध्यक्ष दिलीप मरावी ने बताया कि प्रदेश में 13 मई तक हुए आम चुनाव एवं चुनाव के बाद मतगणना प्रशिक्षण के कारण अधिकांश शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश का कोई लाभ नहीं मिल सका। जिसके मद्देनजर एवं भीषण गर्मी को देखते हुए शिक्षकों एवं छात्रों को 31 मई के स्थान पर 30 जून तक का अवकाश प्रदान किया जाना चाहिए तथा 1 जुलाई से विद्यालय की शुरुवात होना चाहिए। वैसे भी इस गर्मी में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की भारी कमी के चलते विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति नगण्य रहने वाली है, ऐसे में शिक्षकों का विद्यालय में उपस्थित रहना औचित्यहीन होगा।
शिक्षकों को अन्य सरकारी कर्मचारियों से 35-40 दिन कम मिलती छुट्टी
एक समय था जब शिक्षकों को सार्वजनिक अवकाशों के अलावा 24 दिन का दशहरा दीवाली, 7 दिन शीतकालीन और 60 दिन का ग्रीष्मकालीन कुल 91 दिनों का अवकाश और 10 दिन का अर्जित अवकाश मिलता था। उस समय गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को सार्वजनिक अवकाश के अलावा सिर्फ द्वितीय और चतुर्थ शनिवार के हिसाब से 26-27 दिनों का ही अवकाश मिलता था। इसके बदले उन्हें वर्ष में 30 दिनों का अर्जित अवकाश मिलता था और सेवानिवृति पर पूरी सर्विस के दौरान संचयित 240दिन जिसे बढ़ाकर 300 दिन कर दिया गया है अर्जित अवकाश का नगदीकरण कर भुगतान होता है। ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव सुरेश यादव, प्रांतीय प्रवक्ता संजीव सोनी, जिला उपाध्यक्ष सरिता सिंह और उमेश यादव ने बताया कि 2008 के बाद से शिक्षकों को अधिक अवकाश का हवाला देते हुए 10 दिन के अर्जित अवकाश की पात्रता खत्म कर दी गई तथा उनकी सर्विस बुक में दर्ज अर्जित अवकाशों को भूतलक्षीय प्रभाव से समाप्त कर दिया गया।
यहां पर शिक्षकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। उसके बाद से शिक्षकों के अवकाश में लगातार कटोती की गई। वर्तमान में शिक्षक को सार्वजनिक अवकाश के अलावा 3 दिन दशहरा, 5 दिन दिपावली, 3-5 दिन शीतकालीन, 30 दिन ग्रीष्मकालीन कुल मिलाकर मात्र 41-43 दिनों का ही मिल रहा है। और अवकाश के दिनों में आयुक्त या कलेक्टर के लिखित आदेश पर ही अर्जित अवकाश की पात्रता होगी। जबकि डीईओ, बीईओ, बीआरसीसी, संकुल प्राचार्य, जनपद जिलापंचायत आदि के अधिकारियों के लिखित या व्हाट्सएप और फोन पर मौखिक आदेश से विशेष कर हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल के शिक्षक लगभग पूरे ग्रीष्मकालीन अवकाश पर छात्रवृत्ति, नामांकन, परीक्षाफल, अंकसूची-टीसी वितरण आदि काम करते रहते हैं, फिर भी उन्हें अर्जित अवकाश नहीं दिया जाता।
वर्तमान में हाई स्कूल हायर सेकेंडरी में प्राचार्य के पद खाली पड़े हैं और प्रभारी प्राचार्य के रूप में शिक्षक काम कर रहे हैं इन प्रभारी प्राचार्य के पास कलेक्टर का आदेश नहीं होने के कारण नॉन वेकेशन कर्मचारी अधिकारियों के समान अर्जित अवकाश की पात्रता नहीं होती है। इसके उल्ट गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को सप्ताहिक 5 कार्य दिवस के कारण वर्ष में 52-54 शनिवार तथा दशहरा, दीपावली, क्रिसमस सहित कुल 55-57 दिनों का अवकाश के साथ ही साल में 30 दिन का अर्जित अवकाश यानी कुल 85-87 दिनों का अवकाश मिल रहा है। इस तरह शिक्षकों को अन्य कर्मचारियों से प्रतिवर्ष लगभग 40-45 दिन का अवकाश कम मिल रहा है।
अन्य कर्मचारियों के बराबर अवकाश एवं अर्जित अवकाश की मांग
ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष डीके सिंगौर ने आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय मप्र भोपाल को पत्र लिखकर अवकाश के मामले में शिक्षकों के साथ किए जा रहे भेदभाव से अवगत कराते हुए शिक्षकों को भी अन्य कर्मचारियों के 52-54 शनिवार के अवकाश के बराबर वर्ष में 52-54 दिन के अवकाश और 30 दिन के अर्जित अवकाश की मांग की गई है। साथ ही नियमों को शिथिल करते हुए अधिकारियों के लिखित या मौखिक निर्देश पर ग्रीष्मकालीन अवकाश पर वास्तव में काम करने वाले शिक्षकों को अतिरिक्त अर्जित अवकाश प्रदान किया जाए। अर्जित अवकाश के वर्तमान नियम के चलते शिक्षकों को रिटायरमेंट के समय अवकाश नगदी कारण में औसतन 7 से 9 लाख रूपए का सीधा नुकसान हो रहा है।
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