मध्य प्रदेश के शहडोल में रेत माफिया के गुर्गों ने एक पुलिस अधिकारी को ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला। पुलिस ऑफिसर की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह माफिया के अवैध रेत के कारोबार के खिलाफ कार्रवाई कर रहा था।
ASI महेंद्र बागरी को माफिया का ट्रैक्टर को कुचलते हुए निकल गया
मामला ब्यौहारी थाना इलाके में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात करीब 12 बजे का है। ब्यौहारी थाने में पदस्थ एएसआई महेंद्र बागरी एक आपराधिक मामले में फरार स्थायी वारंटी को पकड़ने बड़ौली गांव गए थे। एएसआई गया प्रसाद कन्नौजे और आरक्षक संजय दुबे उनके साथ थे। इसी दौरान खढौली गांव के पास सामने से ट्रैक्टर-ट्रॉली आती दिखी। बागरी ने उसे रोकने का इशारा किया लेकिन ड्राइवर उन्हें कुचलता आगे निकल गया।एडीजीपी डीसी सागर ने बताया कि बागरी के साथ गए पुलिसकर्मियों ने अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। जमोड़ी गांव के रहने वाले ट्रैक्टर ड्राइवर राज रावत उर्फ विजय और उसके साथी आशुतोष को रात में ही गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, ट्रैक्टर मालिक सुरेंद्र सिंह की तलाश में पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं। उस पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। सुरेंद्र अगस्त में रेत चोरी के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है।
ट्रैक्टर को पुल के नीचे फेंक दिया ताकि अवैध रेत ना मिले
एसपी कुमार प्रतीक ने बताया कि ट्रैक्टर चालक राज समधिन नदी से रेत भरकर ला रहा था। एएसआई को कुचलने के बाद वह ट्रैक्टर से कूद गया। इसके बाद ट्रैक्टर बेकाबू होकर पुल से नीचे जा गिरा। दूसरा गिरफ्तार आरोपी आशुतोष, सुरेंद्र सिंह का बेटा है। जो अपनी देखरेख में रेत चोरी करा रहा था। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र और आशुतोष को जिला बदर किया जाएगा।
ASI की पत्नी एक झलक देखने के लिए हाथ जोड़ रही थी
पोस्टमार्टम के बाद जब शव को ब्यौहारी अस्पताल से घर ले जाया जा रहा था, उस दौरान बागरी की पत्नी दुर्गावती पति की एक झलक देखने के लिए कह रही थीं। वे कभी एंबुलेंस के कांच को खटखटातीं तो कभी ड्राइवर के सामने हाथ जोड़कर कहतीं कि एक बार दरवाजा खोल दो। वहीं, महेंद्र बागरी की मां रोती-बिलखती बेटे का नाम पुकार रही थीं। जिस गाड़ी में शव रखा था, मां उसके पास पहुंचकर एक बार बेटे को देखने के लिए मिन्नतें करती रहीं।
डॉक्टर ने कर्तव्य पर शहीद पुलिस अधिकारी का पोस्टमार्टम जमीन पर रखकर किया
मामले में ब्यौहारी सिविल हॉस्पिटल स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई। अस्पताल के पोस्टमॉर्टम हाउस में एएसआई बागरी के शव का पोस्टमॉर्टम दीवार की ओट में जमीन पर रखकर किया गया। परिजन के साथ मौके पर मौजूद अन्य लोग भी इसके गवाह बने। इस मामले में जब अस्पताल में ही मौजूद ब्यौहारी एसडीएम नरेंद्र सिंह धुर्वे से बात की गई तो उन्होंने कहा, 'मुझे इस बात की जानकारी नहीं है। इस संबंध में बीएमओ से बात की जाएगी। जमीन पर पोस्टमॉर्टम नहीं करना चाहिए था। मैं इसकी जांच करवाता हूं।'
डॉक्टर ने ब्लड सैंपल के लिए डेड बॉडी को फिर से पीएम हाउस बुलाया
पोस्टमॉर्टम के बाद परिजन शव लेकर घर जाने लगे। एफएसएल टीम को एएसआई बागरी का ब्लड सैंपल चाहिए था ताकि घटनास्थल पर मिले खून से मिलान किया जा सके। ऐसे में शव को दोबारा पीएम हाउस लाया गया। करीब आधे घंटे बाद ब्लड सैंपल लेकर शव परिजन को दिया गया। जबकि ब्लड सैंपल कलेक्ट करने के लिए स्टाफ को पुलिस अधिकारी के घर भेजा जा सकता था।
3 मार्च को पोस्टिंग हुई थी, माफिया की पावर का पता नहीं था
एएसआई महेंद्र बागरी की पोस्टिंग ब्यौहारी थाने में 3 मार्च 2024 को हुई थी। इसके पहले वे पुलिस लाइन शहडोल में पोस्टेड थे। बागरी मूल रूप से सतना जिले के सिंहपुर थाना इलाके के मसनहा गांव के रहने वाले थे। उनकी पत्नी दुर्गावती बागरी शहडोल में पुलिस लाइन स्थित सरकारी आवास में ही रह रही हैं। तीन बेटियां हैं। इनके नाम- आयुषी (13), परी (8) और सिवी (3) हैं।
यह कैसा मध्य प्रदेश बना दिया: पीसीसी चीफ
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, 'मध्यप्रदेश में तीन सी का राज है- कर्ज, क्राइम और करप्शन। एएसआई की ट्रैक्टर से रौंदकर हत्या कर दी गई। रोज 17 बलात्कार होते हैं, यह एनसीआरबी के औसतन आंकड़े बताते हैं। यह कैसा प्रदेश बना दिया हमारा? जब मैं आवाज उठाता हूं तो मेरे ऊपर एफआईआर दर्ज कर देते हैं। ये समझते हैं कि हम डर जाएंगे। मुख्यमंत्री जी, ये कांग्रेस का खून है डरता नहीं।
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