मध्य प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद को एक नया प्रोजेक्ट मिलने वाला है। कैबिनेट मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में जिस प्रकार इंदौर शहर में पितृ पर्वत डेवलप किया गया है ठीक उसी प्रकार का सिटी फॉरेस्ट डेवलपमेंट मध्य प्रदेश के प्रत्येक शहरी क्षेत्र में किया जाएगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट में इस पर काम किया जाएगा।
मध्य प्रदेश सिटी फॉरेस्ट डेवलपमेंट प्लान
मध्य प्रदेश सिटी फॉरेस्ट डेवलपमेंट प्लान के तहत प्रत्येक शहर में किसी ऐसे इलाके को चिन्हित किया जाएगा जो पहाड़ी पर है और इसके आसपास बड़ी मात्रा में खुली जमीन है। यहां पर सिटी फॉरेस्ट डेवलप किया जाएगा। पेड़ लगाए जाएंगे और पिकनिक पर्यटन के प्रबंध भी किए जाएंगे। इंदौर में विशाल हनुमान मंदिर बनाया गया है। सभी नगर निगम, नगर पालिका अथवा नगर परिषद स्वतंत्र रूप से फैसला ले सकते हैं कि उन्हें कहां और कितना डेवलप करना है। इसके लिए सभी प्रकार के डाक्यूमेंट्स तैयार हो चुके हैं। लोकसभा चुनाव के बाद कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी और उसके बाद बजट आवंटन के लिए यह प्रोजेक्ट वित्त विभाग के पास चला जाएगा।
कैलाश विजयवर्गीय का कॉन्सेप्ट पूरे मध्य प्रदेश के लिए आइडियल
नगरीय विकास विभाग के अफसरों के अनुसार सरकार के कामों में पब्लिक की भागीदारी बनाने को लेकर नगरीय निकायों की वनीकरण योजना तैयार की गई है। इसके पीछे मंशा यह है कि जब लोग किसी योजना से सीधे जुड़ेंगे तो उसके रखरखाव की भी चिंता करेंगे। इंदौर में पितृ पर्वत में पौधरोपण का जो कांसेप्ट सफल हुआ है, उसमें स्थानीय लोगों ने पौधे लगाने के साथ उसकी सुरक्षा का जिम्मा भी संभाला है। इसके साथ ही जो पौधरोपण के बाद सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे हैं, उनके द्वारा इसके संरक्षण के लिए आने वाले खर्च का जिम्मा उठाया गया है। इसके चलते पौधरोपण सफल हुआ है। यही व्यवस्था प्रदेश के सभी निकायों में लागू करने की तैयारी है जिस पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा।
मध्य प्रदेश में ग्रीन बेल्ट की जमीन पर सिटी फॉरेस्ट डेवलप करेंगे
नगरीय विकास के अफसरों के अनुसार इसके लिए मास्टर प्लान घोषित निकायों में ग्रीन बेल्ट की जमीन पर फोकस होगा। हर निकाय में इसके लिए जमीन का प्रावधान होता है, वहां की जमीन पर पौधरोपण के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा और पर्यावरण सुरक्षा को लेकर उसके फायदे भी बताए जाएंगे। वहीं जिन निकायों के पास जमीन उपलब्ध नहीं होगी, उसके लिए राजस्व विभाग से जमीन लेकर पौधरोपण के लिए उपयोग में लाने का काम किया जाएगा।
इंदौर के पितृ पर्वत का विवरण
इंदौर में गोम्मटगिरि के सामने स्थित पितृ पर्वत को इसलिए भी जाना जाता है क्योंकि इंदौर के लोगों ने पितरों की याद में हजारों पौधे रोपे हैं। यहां श्राद्ध पक्ष में हर साल बड़ी संख्या में लोग अपने मित्रों और पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही पूजा- पाठ के लिए पहुंचते हैं। लोगों की आस्था को देखते हुए यहां 108 टन वजनी हनुमान मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई है। भगवान हनुमान की गदा 65 फीट लंबी है, जिसको देखने के लिए हर रविवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
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