जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने एक मामले की सुनवाई के बाद आदेश दिया कि किसी भी इंस्टिट्यूट, कॉलेज अथवा यूनिवर्सिटी की गलती का खामियाजा विद्यार्थी नहीं भुगत सकता। इसी के साथ विद्यार्थी को एक सेमेस्टर में जनरल प्रमोशन देने के आदेश दिए गए हैं।
इशिता पटेल विरुद्ध राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
याचिकाकर्ता इशिता पटेल, ग्लोबल इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्रा है जो राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से एफिलिएटिड है। उसके पहले सेमेस्टर के एक सब्जेक्ट की आंसर शीट गुम हो गई है। जबलपुर निवासी इशिता पटेल की ओर से अधिवक्ता सतीश वर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि वर्ष 2021 में उत्तर पुस्तिकाएं घर से लिख कर कालेज में जमा की गई थीं। विश्वविद्यालय ने यह कहकर एक विषय में नंबर नहीं दिए कि उन्हें उसकी कापी नहीं मिली, जबकि उसकी रसीद भी पेश की गई। बाकी सभी विषयों में छात्रा को अच्छे अंक मिले थे।
मामले में हाई कोर्ट के कई पूर्व फैसलों का हवाला भी दिया गया। दोनों पक्षों ने कोर्ट में दलीलें पेश की। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान यह पता नहीं चल पाया की आंसर शीट कॉलेज की गलती से गुम हो गई है या यूनिवर्सिटी की गलती से, लेकिन एक बात साबित हुई कि छात्रा द्वारा आंसर शीट जमा की गई थी और उसके पास कॉलेज द्वारा प्रदान की गई पावती रसीद है। हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि गलती किसी की भी हो परंतु इसका नुकसान विद्यार्थी को नहीं होना चाहिए। इसलिए उसे जनरल प्रमोशन दिया जाए और लास्ट सेमेस्टर की परीक्षा देने की अनुमति दी जाए।
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