भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मध्य प्रदेश के 22 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बताया है कि इन जिलों में भारी बारिश होगी और कुछ स्थानों पर आसमान से बिजली गिरेगी। इसके अलावा लगभग पूरे मध्य प्रदेश में 40 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी चलने, कुछ स्थानों पर आंधी के साथ बारिश होने और कई स्थानों पर वज्रपात का खतरा बताया गया है।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान - इन जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट
मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार, मध्य प्रदेश के विदिशा, बैतूल, ग्वालियर, दतिया, भिंड, अनुपपुर, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर, पांढुर्णा जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। नागरिकों से अपील की गई है कि वह मौसम का ध्यान रखें और यदि उनके क्षेत्र में घने बादल दिखाई देते हैं और बारिश शुरू होती है तो सबसे पहले स्वयं की रक्षा करें। उपरोक्त के अलावा भोपाल, विदिशा, रायसेन, बैतूल, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, सागर, पांढुर्णा, अनुपपुर, उमरिया, डिंडोरी, पन्ना, दमोह, छतरपुर जिलों में अधिकांश स्थानों पर सामान्य बारिश होगी।
MP WEATHER - आम नागरिकों के लिए सलाह
- घर के अंदर रहें, खिड़कियां और दरवाजे बंद करें और यदि संभव हो तो यात्रा से बचें।
- सुरक्षित आश्रय लें, पेड़ों के नीचे शरण न लें तथा तूफ़ान के दौरान जल निकायों से तुरंत बाहर निकलें। कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें।
- इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकाल दें एवं उन सभी वस्तुओं से दूर रहें जो बिजली का संचालन करती है।
मानसून में किसानों के लिए सावधानियां
- मध्यप्रदेश में जहाँ भी वर्षों की संभावना है, वहां फसलों को सुरक्षित करने के उपाय के साथ सिंचाई और रासायनिक छिड़काव से बचें।
- पकी हुई फसलों की जल्द से जल्द कटाई करें और कटी हुई उपज को सुरक्षित स्थानों पर रखें। कटी हुई उपज (यदि खेत में हो) को पॉलिथीन शीट से ढक दें।
- जानवरों को खुले पानी, तालाब या नदीं से दूर रखें। रात के समय पशु को खुले स्थान पर न रखें। पशुओं का विशेष ध्यान रखें, पशुओं को विशेष संरक्षित एवं सुरक्षित पशु शेड में रखें। सभी जानवरों को रात के
- दौरान विशेष रूप से संरक्षित और सुरक्षित पशु शेड में रखा जाना चाहिए। इसके अलावा, दोपहर के समय खेत के
- जानवरों को खुली चराई की अनुमति न दें। तेज वर्षा के दौरान घर के अंदर रहें, खिड़कियां और दरवाजे बंद करें और यदि संभव हो तो यात्रा से बचें। सुरक्षित आश्रय लें कच्चे और पुराने मकानों से दूर रहें। मौसम चेतावनी व सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करे।
खेती के लिए किसानों को विशेष परामर्श
1. मानसून वर्षा के आगमन की घोषणा के पश्चात, बुवाई हेतु जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के दूसरे सप्ताह का समय उपयुक्त है।
2. मध्य और दक्षिणी मध्य प्रदेश के हिस्सों में पर्याप्त वर्षा होने की स्थिति में, जबकि रीवा, सागर, ग्वालियर व चम्बल संभागों के जिलों में सिंचाई की सुविधानुसार आज से बाद धान की नर्सरी के लिए खेत
तैयार करें।
3. खरीफ सब्जियों की बुवाई के लिए मौसम अनुकूल है। जिन स्थानों पर मानसून की शुरुआत के बाद लगभग 4 इंच / 100 मिमी वर्षा हुई है, वहां खरीफ फसलों और सब्जियों की बुआई जारी रखें। यदि सोयाबीन और सब्जियों में जल भराव की समस्या है तो जल निकासी की उचित व्यवस्था करें। धान की पौध रोपाई के लिए भूमि की तैयारी करें।
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