ऐसा झूठा बयान या साक्ष्य जिससे निर्दोष को 7 साल से आजीवन कारावास तक की सजा हो, कितना गंभीर अपराध - Legal Advice

Bhopal Samachar
किसी व्यक्ति को ऐसे झूठे अपराध में फंसाना जो जिस अपराध की सजा मृत्यु दंड हो तब झूठे साक्ष्य देने वाले या गढने वाले व्यक्ति या पुलिस अधिकारी को भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 230 के अंतर्गत दण्डित किया जाएगा। लेकिन अगर कोई व्यक्ति या लोक सेवक भी किसी निर्दोष व्यक्ति को सात वर्ष से अधिकतम आजीवन कारावास तक से दण्डनीय अपराध में फंसाने के लिए झूठे साक्ष्य, गवाही, कथन आदि देगा या कोई झूठे दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख गढेगा तब उस व्यक्ति के खिलाफ एक नई अन्य धारा के अंतर्गत मामला दर्ज होगा जानिए।

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 231 एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 195 की परिभाषा 

जो कोई व्यक्ति किसी निर्दोष व्यक्ति को सात वर्ष या अधिकतम आजीवन कारावास के अपराध में फंसाने के लिए न्यायालय में झूठी गवाही देता है, शपथ-पत्र देता है या कोई झूठे दस्तावेज, रिपोर्ट आदि देता है तब वह व्यक्ति BNS की धारा 231 एवं IPC की धारा 195 के अंतर्गत दोषी होगा ।

जैसे कि किसी निर्दोष व्यक्ति को डकैती के अपराध में फंसाने के लिए कोई व्यक्ति झूठ बोलता है कि उस व्यक्ति ने मेरे सामने डकैती की है और न्यायालय में एडिटिंग फोटो को भी मजिस्ट्रेट के सामने पेश करता है तब ऐसा व्यक्ति जो झूठे साक्ष्य दे रहा है एवं गढ रहा है वह व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दोषी होगा।

Bharatiya Nyaya Sanhita Section 231 or Indian Penal Code Section 195 Provision of punishment

यह अपराध,असंज्ञेय एवं अज़मानतीय होते हैं, अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की एफआईआर दर्ज नहीं होगी। इस अपराध के लिए सेशन कोर्ट में परिवाद (शिकायत) दर्ज होगा एवं इस अपराध की सुनवाई भी सेशन कोर्ट द्वारा की जाती है। इस धारा के अपराध में दोषी व्यक्ति को वहीं दंड दिया जाएगा जिस अपराध में फंसाने के लिए उसने झूठे साक्ष्य दिए एवं गढे थे। अर्थात किसी निर्दोष व्यक्ति को डकैती के अपराध में फंसाने वाले को डकैती के अपराध की धारा के अपराध से दण्डित किया जाएगा। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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