Bharatiya Nyaya Sanhita 2023 में ऐसे लोगों को सबक सिखाने का प्रावधान किया गया है जो किसी दूसरे को हानि या क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से न्यायालय में झूठा दावा प्रस्तुत कर देते हैं।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 246 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति कपटपूर्ण, बेईमानी करने के उद्देश्य से किसी व्यक्ति को क्षति या नुकसान पहुंचाने के लिए न्यायालय में झूठा दावा प्रस्तुत करेगा या दायर करेगा वह व्यक्ति भारतीय न्याय संहिता की धारा 246 के अंतर्गत दोषी होगा। इस अपराध के लिए आवश्यक तत्व है कि किसी व्यक्ति को नुकसान, क्षति या हानि पहुचाने के लिए झूठा दावा लगाया गया हो।
Bharatiya Nyaya Sanhita,2023 Section 246 Provision of punishment
यह अपराध असंज्ञेय एवं यह जमानतीय अपराध होते हैं, अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की एफआईआर भी दर्ज नहीं होती है न ही पुलिस अधिकारी NCR लिखी जा सकती है। इस अपराध के लिए न्यायालय में परिवाद लगाया जा सकता है एवं सुनवाई प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है।
• सरदुल सिंह बनाम हरियाणा राज्य मामले में न्यायालय द्वारा कहा गया है कि इस अपराध में संज्ञान जब ही लिया जाएगा तब इस अपराध का न्यायालय में परिवाद लगाया गया हो। इस अपराध के लिए अपराधी व्यक्ति को दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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