देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के MBA फर्स्ट सेमेस्टर के पेपर लीक मामले में Idyllic Institute of Management मान्यता को समाप्त करने के लिए विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक का आयोजन किया गया था। इस मामले में संघवी कॉलेज भी दोषी पाया गया है। परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए उच्च शिक्षा आयुक्त श्री निशांत वरवड़े भोपाल से इंदौर पहुंचे और इसके बाद किसी भी कॉलेज की मान्यता समाप्त नहीं की गई। सिर्फ जुर्माना की कार्रवाई की गई है।
लापरवाही मिली है लेकिन कमेटी बनाएंगे
दरअसल, 25 मई और 28 मई को प्रस्तावित MBA के दोनों पेपर एक दिन पहले ही लीक हो गए थे। मामले में अक्षय बम के कॉलेज के ऑपरेटर का हाथ होने का खुलासा हुआ था। बैठक के बाद कार्यपरिषद सदस्यों ने जानकारी दी कि Idyllic Institute of Management की संबद्धता और मान्यता रद्द करने की मांग भी उठी थी। जांच के बाद इस पर अलग से फैसला लिया जाएगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन इसके लिए कमेटी गठित करेगा। यह देखेगी कि कॉलेज में नियमों का पालन किया जा रहा है कि नहीं? इसके बाद संबद्धता समाप्त करने पर फैसला होगा। उन्होंने बताया कि मामले में कॉलेज स्तर पर लापरवाही मिली है। कॉलेज प्रिंसिपल भी इस संबंध में लिखित जवाब यूनिवर्सिटी प्रशासन को दे चुकी हैं।
पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन में बड़ी मेहनत की थी
पेपर लीक मामला सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी ने एग्जाम कमेटी की बैठक बुलाकर पर्चा निरस्त कर दिया था। एडिशनल डीसीपी रामस्नेही मिश्रा, एसीपी तुषार सिंह और टीआई उमेश यादव की टीम गठित कर जांच की गई थी। टीम ने यूनिवर्सिटी की प्रिंटिंग प्रेस में पेपर तैयार होने से लेकर कॉलेज तक पहुंचने की पूरी व्यवस्था देखी। फिर 24 से ज्यादा वाट्सएप ग्रुपों में वायरल हुए पेपर की पड़ताल कर आयडलिक कॉलेज के छात्र धीरेंद्र नरवरिया को पकड़ा। धीरेंद्र एमबीए प्रथम वर्ष में पढ़ता है। धीरेंद्र ने बताया कि उसके पास ये पर्चा छात्र गौरव सिंह गौर के जरिए आया था।
थ्री इडियट फिल्म की तर्ज पर लीक किए थे पेपर
यूनिवर्सिटी से पेपर लीक की शिकायत आने पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। जांच के बाद पिछले शुक्रवार को आयडलिक कॉलेज के ऑपरेटर दीपक सोलंकी को पकड़ा। दीपक ने बताया कि उसने प्रिंसिपल रूम से 'थ्री इडियट' फिल्म की तर्ज पर बंडल की सील को लोहे की स्कैल से तोड़कर पेपर निकाले। फिर फोटो खींचकर गौरव को दो हजार में बेचा। गौरव ने इसे धीरेंद्र को भेजा तो यह वायरल हो गया। पुलिस ने दीपक के बाद इन दोनों छात्रों को भी गिरफ्तार किया था।
रिपोर्ट में Sanghvi Institute of Management में गड़बड़ियों का जिक्र
जांच कमेटी की 4 पेज की रिपोर्ट में संघवी कॉलेज की लापरवाही भी सामने आई है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सभी कॉलेजों से पुराने पेपर के बंडल वापस मंगवाए थे। संघवी कॉलेज से वापस आए पेपर में छेड़छाड़ मिली थी। इसके चलते संघवी कॉलेज को भी अगले 3 साल तक एग्जाम सेंटर नहीं बनाने का निर्णय लिया गया है।
33 में से 8 कॉलेजों ने रिकॉर्ड नहीं दिया
यूनिवर्सिटी से एग्जाम पेपर कॉलेज पहुंचने और फिर वहां से थाने में रखवाने की प्रोसेस के बारे में 33 कॉलेजों से यूनिवर्सिटी प्रशासन ने रिकॉर्ड मांगे थे। 25 कॉलेज ने रिकॉर्ड उपलब्ध करवाया। एक सरकारी कॉलेज समेत 8 कॉलेजों ने रिकॉर्ड नहीं भेजे हैं। तीन कॉलेजों ने यह भी नहीं बताया है कि वे पेपर थाने में पेपर रखते हैं या नहीं।
प्रिंसिपल ने स्वीकारा-पेपर थाने में नहीं रखते
DAVV की कुलपति रेणु जैन ने कहा, 'आयडलिक कॉलेज की प्रिंसिपल ने स्वीकारा है कि वे पेपर थाने में नहीं रखती थीं। पेपर उनके लॉकर में ही रखे रहते थे। कई बार चाबी भी लॉकर में ही रखी रहती थी। ये जानकारी टेली की जा रही है।'
संबद्धता निरस्त करने में आनाकानी
DAVV की कुलपति रेणु जैन ने बताया कि संबद्धता निरस्त भी होगी तो अगले साल से ही होगी। दो स्तर पर संबद्धता जारी की जाती है, एक शासन स्तर और दूसरी यूनिवर्सिटी लेवल पर। निरीक्षण के बाद शासन को सारी स्थिति की जानकारी देंगे। वहां से आदेश आने के बाद संबद्धता निरस्त की जाएगी।
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