मामला दर्ज होने के बाद अपराधी को बचाने के लिए पुलिस कई बार गलत दिशा में इन्वेस्टिगेशन करती है। कई बार इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में गड़बड़ी करके केस कमजोर कर दिया जाता है, जिसके कारण अपराधी को कोर्ट में सजा नहीं मिलती, लेकिन इंदौर पुलिस इससे कदम आगे निकल गई है। कोर्ट में जो चालान पेश किया जाता है उसमें आरोपी का नाम बदल देती है। अपराधी को कोर्ट में तारीख भी नहीं करनी पड़ती। जिला न्यायालय के एक न्यायाधीश ने न केवल इस गड़बड़ी को पकड़ लिया बल्कि अधिकारियों के पूरे रैकेट के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
अभिषेक सोनी के खिलाफ मोटरयान अधिनियम की धारा 185 काम मामला दर्ज हुआ था
लसूड़िया पुलिस ने आरोपित अभिषेक सोनी के खिलाफ मोटरयान अधिनियम की धारा 185 (शराब पीकर वाहन चलाना) के तहत प्रकरण दर्ज किया था। इसमें कहा था कि आरोपित वाहन क्रमांक MP11 ZC 5555 को शराब पीकर चला रहा था। सुनवाई के दौरान कोर्ट के संज्ञान में यह बात भी सामने आई कि उक्त अधिनियम की धारा 185 के तहत दर्ज कई प्रकरणों में दस्तावेजों में काटा-पिटी (छेड़छाड़) की गई है। जिस व्यक्ति की ब्रीथ एनलाइजर से जांच की गई थी। बाद में उसका नाम काटकर किसी अन्य व्यक्ति का नाम लिख दिया गया।
पुलिस ने चालान में आरोपियों के नाम बदल दिए
ट्रायल के दौरान सब इंस्पेक्टर राहुल डाबर ने बताया कि कोर्ट में पेश किए गए चालान डॉक्यूमेंट पर मेरे हस्ताक्षर नहीं है और ना ही यह चलन मेरी राइटिंग में है। कुछ अन्य पूछताछ के बाद स्पष्ट हो गया कि कोर्ट में जो चालान पेश किया गया है वह कूटरचित है। इसके अलावा एक अन्य चलन में भी ऐसी ही गड़बड़ पाई गई। इस प्रकार आरोपी अभिषेक सोनी, कुलदीप बुंदेला और अविनाश दुबे की जगह किसी और के नाम दर्ज किए गए हैं। इस प्रकार आरोपियों को बचाने के लिए दस्तावेजों की कूटरचना की गई।
चालान की कूट रचना में कितने पुलिस अधिकारी शामिल
कोर्ट ने यह माना कि सब इंस्पेक्टर राहुल डाबर, नरेंद्र जयसवाल, महेंद्र मकाले, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर राजेश जैन, कैलाश मार्सकोले और आरक्षक बीनू धनगर द्वारा मिलकर यह पूरी गड़बड़ की गई है और इंस्पेक्टर तारे सोनी एवं डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने यह जानते हुए कि, कोर्ट में कूटरचित चालान पेश किए जा रहे हैं, उन्होंने इसे रोकने का प्रयास नहीं किया बल्कि कोर्ट में पेश होने दिया।
इंदौर के कितने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज होगा
इंदौर कोर्ट के न्यायाधीश श्री जयकुमार जैन ने डीसीपी 2 अभिनव विश्वकर्मा, थाना प्रभारी टीआई तारेश सोनी, एसआई राहुल डाबर, नरेंद्र जायसवाल, महेंद्र मकाले, सहायक उपनिरीक्षक राजेश जैन, कैलाश मार्सकोले एवं आरक्षक बेनू धनगर के खिलाफ आईपीसी की धारा 200, 203, 467, 468, 465, 471 और 34 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
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