कुशल प्रशासन के लिए कर्मचारी का अच्छा रिकॉर्ड बहुत जरूरी है। कदाचार का दोषी पाया गया कर्मचारी, बेदाग कर्मचारियों के बराबर अधिकार नहीं रखता। जब तक मामले का निर्णय नहीं हो जाता है तब तक कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं दिया जा सकता। यह आदेश जम्मू एंड कश्मीर हाई कोर्ट द्वारा दिया गया।
दागी कर्मचारियों को बेदाग कर्मचारियों के समान अधिकार नहीं
विद्वान न्यायमूर्ति श्री विनोद चटर्जी कौल ने कहा कि, पदोन्नति के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए किसी कर्मचारी से कम से कम बेदाग रिकॉर्ड की अपेक्षा की जाती है। स्वच्छ और कुशल प्रशासन सुनिश्चित करने और सार्वजनिक हितों की रक्षा करने के लिए न्यूनतम यही अपेक्षित है। कदाचार का दोषी पाए गए कर्मचारी को अन्य कर्मचारियों के बराबर नहीं रखा जा सकता और उसके मामले को अलग तरह से देखा जाना चाहिए।
माननीय उच्च न्यायालय में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सहायक उप निरीक्षक नबा कुमार गिरि द्वारा याचिका प्रस्तुत की गई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि शासन ने उनके प्रमोशन एवं अन्य वित्तीय लाभ रोक दिए हैं क्योंकि उनके खिलाफ एक क्रिमिनल केस चल रहा है। याचिका में उन्होंने दावा किया था कि, कार्य की अवधि के आधार पर प्रमोशन उनका अधिकार है। एक कर्मचारी के तौर पर वित्तीय लाभ प्राप्त करना भी उनका अधिकार है। किसी क्रिमिनल केस के कारण उन्हें उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता।
हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। स्पष्ट कर दिया की प्रमोशन के लिए रिकॉर्ड का क्लीन होना बहुत जरूरी है। विनम्र निवेदन: 🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में employee पर क्लिक करें।