मध्य प्रदेश शासन का स्कूल शिक्षा विभाग और उसकी 2 लाडली संतान (लोक शिक्षण संचालनालय एवं राज्य शिक्षा केंद्र), पूरे प्रदेश की सबसे अधिक जनसंख्या के लिए सर दर्द बने हुए हैं। इनका रिकॉर्ड बताता है कि पिछले 5 साल में एक भी शिक्षक रिटायर नहीं हुआ है। 30 जुलाई 2018 को उच्च माध्यमिक शिक्षक के रिक्त पदों की संख्या 30789 थी और 5 साल बाद भी संख्या में कोई बदलाव नहीं आया है।
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा का ऑनलाइन सिस्टम ऑफलाइन से बेकार है
कहते हैं कि आरटीओ की तरह मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में भी अधिकारी और कर्मचारी तब तक काम नहीं करते जब तक उसमें उनका कोई फायदा ना हो या फिर ऊपर से कोई दबाव न आ गया हो। सिस्टम बनाया गया है कि, जैसे ही कोई शिक्षक रिटायर होगा, रिक्त पद की जानकारी ऑनलाइन अपडेट कर दी जाएगी। इस प्रकार वरिष्ठ अधिकारियों को सिंगल क्लिक पर रिक्त पदों की जानकारी मिल जाएगी। ट्रांसपेरेंसी रहेगी और आम आदमी को भी पता रहेगा, लेकिन इस डाटा एंट्री में किसी का कोई फायदा नहीं है और सरकार की तरफ से कोई दबाव भी नहीं है। आयुक्त से लेकर प्रमुख सचिव तक कभी किसी ने किसी वीडियो कांफ्रेंस में रिक्त पदों की जानकारी अपडेट करने की आदेश नहीं दिए। नतीजा जानकारी अपडेट नहीं की गई।
मध्य प्रदेश में उच्च माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती विषयवार की जाती है, लेकिन गजब देखिए। 7 मार्च 2024 को सूचना का अधिकार के तहत दी गई एक जानकारी में बताया गया है कि उच्च माध्यमिक शिक्षक के सीधी भर्ती से भरे जाने वाले खाली पदों की विषयवार जानकारी संधारित नहीं है। डिपार्टमेंट ने खुलकर कह दिया है कि हमने तो रिकॉर्ड ही नहीं बनाया है। अब आप ही बताइए कि जब जानकारी ही अपडेट नहीं है तो रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति कैसे होगी।
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