मध्य प्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने ग्राम पंचायत सचिव अनुकंपा नियुक्ति की समस्या का समाधान खोज लिया है। अनुकंपा नियुक्ति के बहुत सारे मामले इसलिए पेंडिंग है क्योंकि जिले में ग्राम पंचायत सचिव का कोई पद रिक्त ही नहीं है। अब इस प्रॉब्लम को सॉल्व कर लिया गया है।
ग्राम पंचायत सचिव अनुकंपा नियुक्ति नियम 5-क
मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार नेग्राम पंचायत सचिव सेवा भर्ती और शर्तें नियम में संशोधन के बाद नई व्यवस्था प्रभावी करने का फैसला किया है, और जल्द ही इसके आदेश सभी जिला पंचायत सीईओ को दिए जाएंगे। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा नियमों में बदलाव को लेकर जारी किए नोटिफिकेशन में कहा है कि नियम 5 के बाद नियम 5 (क) स्थापित किया जा रहा है। इसमें यह प्रावधान होगा कि जिस जिला पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत सचिव सेवारत था, उस जिले की ग्राम पंचायतों में अगर पंचायत सचिव का पद रिक्त नहीं है तो उसके परिजनों को अन्य जिलों में जहां ग्राम पंचायत सचिव के पद रिक्त हैं वहां अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकेगी।
जिले के बाहर भी ग्राम पंचायत सचिव को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी
इन जिलों में पात्रता के आधार पर ग्राम पंचायत सचिव पद पर नियुक्ति देने के लिए पंचायत राज संचालनालय द्वारा ग्राम पंचायत सचिव के रिक्त वाली जिला पंचायत को अनुकंपा नियुक्ति चाहने वाले का आवेदन भेजा जाएगा और इसके आधार पर संबंधित जिले में उसकी नियुक्ति की जाएगी।
पहले नियम न होने से हो रही थी दिक्कत
सरकार ने यह फैसला पंचायत सचिवों की सेवा के दौरान होने वाली मौत पर उनके परिजनों को दी जाने वाली अनुकंपा नियुक्ति में विलंब की स्थिति और अन्य वैधानिक परेशानियों को देखते हुए लिया है। पंचायत राज अधिनियम में संशोधन के जरिए किए जा रहे बदलावों के चलते अब यह व्यवस्था लागू होगी जिसके आदेश जल्द ही जारी होने वाले हैं।
दरअसल, कई जिलों में पंचायत सचिव के पद रिक्त न होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पा रही थी क्योंकि पूर्व में पंचायत सचिवों का एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण का नियम ही नहीं था। अब सरकार इन्हें जिले में एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर सकती है और अनुकंपा नियुक्ति के लिए जिले में पद रिक्त न होने पर दूसरे जिले में नियुक्ति के लिए आदेश जारी कर सकती है।
गौरतलब है कि पंचायत राज और ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 69 के आधार पर यह संशोधन राज्य सरकार ने प्रस्तावित किया है। साथ ही अधिनियम की धारा 95 की उपधारा (3) में इससे संबंधित प्रस्ताव को पूर्व में सरकार 15 मार्च 2024 को लागू कर चुकी है।
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