भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने मध्यप्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि 2008 में आयोजित संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 चयन परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली महिला उम्मीदवार को 60 दिन के भीतर नियुक्ति प्रदान करें और उनकी नियुक्ति में व्यवधान पैदा करने वाले अधिकारी के वेतन से वसूल कर 10 लाख रुपए का जुर्माना महिला उम्मीदवार को भुगतान करें।
संविदा शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी करने वाले अधिकारी से 10 लाख की वसूली होगी
याचिकाकर्ता स्मिता श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल की थी। उन्होंने बताया कि संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए 31 अगस्त 2008 को चयन परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिसे उनके द्वारा उत्तीर्ण किया गया। इसके बावजूद मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई। उनके अभ्यावेदन का निराकरण नहीं किया गया। उन्होंने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में न्याय के लिए याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने माना था कि उन्हें नियुक्ति पाने का अधिकार है और उनकी नियुक्ति को नियम विरुद्ध तरीके से बाधित किया गया है। हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन को आदेश दिया था कि वह स्मिता श्रीवास्तव को संविदा शिक्षक के पद पर नियुक्त करें परंतु स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया।
स्मिता श्रीवास्तव ने अपनी नौकरी के लिए 16 साल तक संघर्ष किया। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया था परंतु स्कूल शिक्षा विभाग, माननीय न्यायालय के समक्ष यह प्रमाणित करने में असफल रहा कि, चयन परीक्षा पास करने के बाद भी स्मिता श्रीवास्तव को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई।
विनम्र निवेदन: 🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में employee पर क्लिक करें।