मध्य प्रदेश में Mahatma Gandhi National Rural Employment Gurantee Act के तहत होने वाले काम और उनकी व्यवस्था के लिए नियुक्त किए गए ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों की भर्ती पर अनिश्चितकाल तक के लिए रोक लगा दी गई है। मध्य प्रदेश में ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक मिलाकर करीब 5000 वैकेंसी हैं।
मध्य प्रदेश की 2000 ग्राम पंचायत में सचिव नहीं है
मध्य प्रदेश में टोटल ग्राम पंचायत की संख्या 23006 है। इनमें से 2000 ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत सचिव के पद रिक्त हैं। ग्राम पंचायत सचिव की सेवाएं मध्य प्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत आती हैं। शासन ने लंबे समय से वैकेंसी ओपन नहीं की है। उम्मीद की जा रही थी कि लोकसभा चुनाव के बाद रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए जॉब नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा परंतु अब इस उम्मीद पर भी पानी फिर गया है। ग्राम पंचायत रोजगार सहायक की नियुक्ति मनरेगा की सेवाओं के लिए की गई थी। पूरे प्रदेश में लगभग 20000 रोजगार सहायक नियुक्त है। शेष रिक्त पदों पर नियुक्ति की जानी है।
मध्य प्रदेश में ग्राम रोजगार सहायकों की नियुक्ति पर प्रतिबंध
मनरेगा के सीईओ ने मध्यप्रदेश के समस्त कलेक्टर, समस्त मुख्य कार्यपालिका अधिकारी जिला पंचायत और समस्त जिला कार्यक्रम समन्वयक को पत्र लिखकर बताया है कि दिनांक 2 जून 2012 को मनरेगा परिषद द्वारा ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति हेतु जो पत्र जारी किया गया था। उसके अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित किया जाता है। पत्र में स्पष्ट लिखा है कि, प्रदेश में प्रशासनिक मद में वर्तमान में राशि की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है। इसलिए ऐसी दशा में ग्राम रोजगार सहायकों की नई भर्ती किया जाना संभव नहीं है। इसलिए जिलों में इस पद पर कोई नई भर्ती नहीं की जाए। जब परिषद के प्रशासनिक मद में पर्याप्त राशि उपलब्ध होगी तो ग्राम रोजगार सहायकों की भर्ती किए जाने पर विचार किया जाएगा, और जिलों को इसके लिए अनुमति दी जाएगी।
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