मध्य प्रदेश में सरकार का गठन तो 2023 के अंत में हो गया था परंतु लोकसभा चुनाव के कारण शासन स्तर पर फेरबदल नहीं किया गया था। अब स्थिति सामान्य हो गई है और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पदस्थापनाओं में परिवर्तन का समय आ गया है। मध्य प्रदेश में काम से कम 6 जिलों के कलेक्टर बदलेंगे। राजधानी भोपाल में स्थित मंत्रालय में भी कई अधिकारियों को यहां से वहां किया जाएगा।
मध्य प्रदेश में कौन-कौन से कलेक्टर बदलेंगे
कलेक्टर मुरैना के पद से अंकित अस्थान, कलेक्टर भिंड के पद से संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर सीहोर के पद से प्रवीण सिंह, कलेक्टर सतना के पद से अनुराग वर्मा, कलेक्टर छतरपुर के पद से संदीप जी आर और कलेक्टर रायसेन के पद से अरविंद कुमार दुबे का ट्रांसफर कंफर्म है क्योंकि उपरोक्त सभी आईएएस अधिकारी 2021 से पदस्थ हैं और सबका कार्यकाल पूरा हो गया है। इनमें से कुछ के खिलाफ गंभीर शिकायतें भी हैं और कुछ के काम से सरकार खुश है। इसलिए कुछ लूप लाइन में जाएंगे और कुछ को पावरफुल पोजीशन मिलेगी।
मंत्रालय में क्या फेरबदल होगा
- मनोज पुष्प अपर सचिव को संचालक पंचायत राज के पद पर पदस्थ है परंतु उनके पास सीईओ मध्य प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन का अतिरिक्त प्रभार भी है। दोनों में से कोई एक पद वापस ले लिया जाएगा।
- वंदना वैद्य को राजनीति के चलते शहडोल कलेक्टर के पद से हटाया गया था। अब चुनाव खत्म हो गए इसलिए उन्हें वापस शहडोल कलेक्टर बनाया जा सकता है।
- चंद्रमौली शुक्ला के पास एमडी, स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन; आयुक्त, हाउसिंग बोर्ड एवं सचिव, विमानन, टोटल तीन पद हैं। इनको भी हल्का किया जाएगा।
- रीवा संभाग आयुक्त गोपाल चंद्र डांड जून में रिटायर हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग में अपर सचिव राकेश कुमार श्रीवास्तव जून में रिटायर हो रहे हैं। राकेश सिंह, प्रबंध संचालक मत्स्य महासंघ के पद से रिटायर हो चुके हैं। सभी रिक्त पदों पर नवीन पदस्थापना होगी।
- बसंत प्रताप सिंह का कार्यकाल 30 जून को पूरा हो रहा है। आयुक्त मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन के पद पर नवीन पद स्थापना होगी।
- अनुपम राजन ने राज्य निर्वाचन के मुख्य पदाधिकारी के पद पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब वह मंत्रालय में वापस आना चाहते हैं। किसी दमदार डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव बनेंगे।
- संजय शुक्ला की पदस्थापना मुख्यमंत्री कार्यालय में हो चुकी है। इसके कारण प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा योजना, आर्थिक और सांख्यिकी विभाग की कमान किसी और अधिकारी को दी जाएगी।
- मो. सुलेमान, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग के पद पर रहते हुए मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज मान्यता घोटाला की स्थितियों को सरकार के फेवर में नहीं ला पाए। देशभर में मध्य प्रदेश की काफी बदनामी हुई है। इसलिए मोहम्मद सुलेमान को तो हटाना पड़ेगा। वैसे भी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, मोहम्मद सुलेमान को पसंद नहीं करते।
डॉ राजेश राजौरा होंगे मध्य प्रदेश शासन का चेहरा
श्रीमती वीरा राणा का कार्यकाल खत्म हो गया है। चुनाव के कारण एक्सटेंशन दिया गया था जो सितंबर में खत्म हो रहा है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव के पद पर डॉ राजेश राजौरा को पसंद किया है। हालांकि मध्य प्रदेश में डॉ राजेश राजौरा से सीनियर अधिकारियों की लिस्ट में टोटल 6 नाम है परंतु मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, डॉ राजेश राजौरा को अपने पास की कुर्सी पर देखना चाहते हैं। डॉ राजेश राजौरा को मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ किया गया है। ताकि सभी प्रकार के दावे और आपत्तियां डॉ राजेश राजौरा की नियुक्ति से पहले सामने आ जाएं। इस दौरान यदि दिल्ली से कोई आदेश नहीं आया और मध्य प्रदेश में किसी ने कोई गड़ा मुर्दा नहीं उखाड़ तो सितंबर में श्रीमती राणा के जाते ही डॉ राजेश राजौरा की पदस्थापना के आदेश जारी हो जाएंगे।
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