जबलपुर, मध्य प्रदेश में अवैध रेत खदान में हादसा हो जाने के कारण तीन मजदूरों की मौत हो गई थी जबकि दो मजदूर घायल हो गए थे। पुलिस ने प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन के बाद इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष अंकित तिवारी, सौनू भदौरिया और चिंटू ठाकुर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अंकित तिवारी ने हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ एक फोटो खिंचवाया था और उसे जमकर वायरल किया था। इसके कारण अंकित तिवारी के खिलाफ प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था।
पुलिस की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट पढ़िए
जांच दौरान पाया गया कि ग्राम कटरा के बरने नदी में सोनू भदौरिया निवासी गोसलपुर और चिंटू ठाकुर निवासी खितौला के द्वारा मजदूरों के माध्यम से रेत का उत्खनन मजदूरों को 300 रुपये की मजदूरी देकर कराया जा रहा था तथा अंकित तिवारी व उसके अन्य साथियों द्वारा अपनी ट्रैक्टर ट्राली लगाकर रेत का परिवहन किया जा रहा था। आरोपीगण सौनू भदौरिया, चिंटू ठाकुर, सिहोरा नगर भाजपा मंडल अध्यक्ष अंकित तिवारी व उसके अन्य साथियों द्वारा यह जानते हुए कि ग्राम कटरा बरने नदी पर किए जा रहे उत्खनन से काम कर रहे मजदूरों की मृत्यु हो जाना सम्भावय है, फिर भी ग्राम कटरा बरने नदी पर खतरनाक तरीके से गढ़्ढा खुदवाकर बिना किसी सुरक्षा उपाय के एक राय होकर मजदूरों से रेत का उत्खनन करवाया जा रहा था। जिससे खदान की मिट्टी धसकने से तीन मजदूर व्यक्ति 01. राजकुमार खटीक पिता स्व. कैलाश खटीक उम्र 30 साल, 02. मुकेश बसोर पिता जगन बसोर उम्र 30 साल, 03. मुन्नी बाई बसोर पिता जगन बसोर उम्र 48 साल सभी निवासी ग्राम कटरा थाना गोसलपुर की मृत्यु हो गयी एंव (1) कुमारी चांदनी बसोर पिता राजू बसोर उम्र 18 साल, (2) खुशबू बसोर पति बिनोद बसोर उम्र 24 साल दोनों निवासी ग्राम कटरा के मजदूर घायल हो गये।
मर्ग जांच में कथन गवाहन , निरीक्षण घटना स्थल, पंचानामा कार्यवाही के आधार पर प्रथम दृष्टया आरोपी गणों के विरूद्ध अपराध धारा 304, 308 ,34 भादवि का पाए जाने से प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया।
एसडीएम कार्रवाई करते तो मजदूर जिंदा होते
गोसलपुर थाना प्रभारी राजेंद्र मस्कोले ने बताया कि सोनू भदोरिया और चिंटु ठाकुर खदान से रेत का अवैध खनन करते थे। भाजपा के सिहोरा मंडल अध्यक्ष अंकित तिवारी अपने वाहनों से रेत का ट्रांसपोर्टेशन और उसे बेचने का काम करते थे। स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि रेत के अवैध परिवहन को रोकने और ऐसे वाहनों को पकड़ने की जिम्मेदारी एसडीएम की होती है परंतु भाजपा के मंडल अध्यक्ष के वाहनों को रोकने तक की कार्रवाई नहीं की जाती थी। यदि एसडीएम अपनी कार्रवाई करते तो मजदूर जिंदा होते।
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