मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारी ट्रांसफर पॉलिसी का इंतजार कर रहे हैं। कर्मचारी चाहते हैं कि बच्चों के एडमिशन से पहले यदि ट्रांसफर हो जाए तो सुविधा होती है, लेकिन सरकार फिलहाल ऐसे किसी मूड में नहीं है। मुख्यमंत्री के सचिवालय में आजकल आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की लिस्ट बन रही है। कहां जा रहा है कि विधानसभा के मानसून सत्र के बाद कर्मचारियों की ट्रांसफर पॉलिसी जारी की जाएगी।
डॉ मोहन यादव की मर्जी के कलेक्टर-एसपी की नियुक्ति होगी
सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि, विधानसभा चुनाव के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पसंद के अधिकारियों को जिलों की कमान दी गई थी। डॉ मोहन यादव जब मुख्यमंत्री बने तो उनके ठीक सामने लोकसभा चुनाव था। इसलिए उन्होंने एडमिनिस्ट्रेशन को डिस्टर्ब नहीं किया। अब अगले साढ़े 3 साल को चुनाव नहीं है। इसलिए डॉ मोहन यादव बड़े अपमान के साथ, अपनी पसंद के अधिकारियों का चुनाव कर रहे हैं। इसमें कलेक्टर-एसपी के अलावा संभागीय कमिश्नर और पुलिस के कुछ बड़े अधिकारी भी शामिल हैं।
कर्मचारियों के तबादलों पर से प्रतिबंध कब हटेगा
मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के स्थानांतरण पर मुख्यमंत्री का प्रतिबंध लगा हुआ है। ट्रांसफर पॉलिसी जारी की जानी है और प्रतिबंध हटाया जाना है। कर्मचारी चाहते हैं कि, बच्चों के स्कूल कॉलेज में एडमिशन से पहले यदि ट्रांसफर का पता चल जाए तो परेशानियां कम हो जाती हैं, परंतु सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि मोहन सरकार फिलहाल इस बारे में कोई विचार नहीं कर रहे हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के बाद ट्रांसफर पॉलिसी जारी की जाएगी।
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