मध्य प्रदेश के भिंड जिले में कलेक्टर श्री संजीव श्रीवास्तव ने फूप नगर परिषद के जल प्रदाय शाखा प्रभारी नीरू बघेल एवं पटवारी बृजमोहन भदौरिया को सस्पेंड कर दिया है। मामला पेयजल के रूप में जहरीले पानी की सप्लाई का है। इसके कारण अब तक तीन लोगों की मृत्यु हो चुकी है और 84 लोग बीमार हैं। यह संख्या हर घंटे बढ़ रही है।
वार्ड क्रमांक 5, 6 और 7 में दूषित जल की सप्लाई
रविवार दिनांक 9 जून को मामला सामने आया था। लोगों की तबीयत खराब होने लगी। नगर परिषद द्वारा जो पानी सप्लाई किया जा रहा था वह बहुत ही गंदा दिखाई दे रहा था। लोगों ने अपनी बीमारी के लिए नगर परिषद द्वारा सप्लाई किए गए पानी को जिम्मेदार बताया। सोमवार को अस्पतालों में मरीजों की संख्या 60 के आसपास पहुंच गई थी। सभी लोग उल्टी दस्त से पीड़ित हैं। इनमें से कुछ को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है, क्योंकि उनकी हालत गंभीर है। मंगलवार को समाचार मिला कि प्रदूषित पानी पीने के कारण 17 साल की लड़की मुस्कान की रविवार की मृत्यु हो गई। 75 वर्ष या आसाराम श्रीवास और 80 साल के बैजनाथ चौधरी की भी मृत्यु हो गई। सभी उल्टी दस्त से पीड़ित थे।
जांच के लिए सैंपल में RO प्यूरीफायर का पानी भेज दिया
मामला गंभीर हो जाने के बाद पानी की जांच करने के आदेश दिए गए। प्रशासन ने इसमें भी घोटाला कर दिया। RO प्यूरीफायर के पानी का सैंपल बनाकर जांच के लिए भेज दिया गया। मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के विद्वान विशेषज्ञ इसे पकड़ नहीं पाए और उन्होंने पानी को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बता दिया। जबकि पाइपलाइन के माध्यम से सप्लाई होने वाले पानी और RO प्यूरीफायर के पानी में काफी अंतर होता है। इसको पहचान के लिए लैब की जरूरत नहीं होती, बल्कि पानी का पहला घूंट बता देता है कि, यह पानी RO प्यूरीफायर से निकल गया है।
PHED की जांच में खुलासा हुआ है कि, पानी में नाइट्रेट की मात्रा 200 मिलीलीटर तक है। पानी में गंदगी के अलावा मल मूत्र के अंश भी पाए गए हैं। टोटल चार सैंपल कलेक्ट किए गए थे और सभी सैंपल फेल हो गए। इसके बावजूद PHED की रिपोर्ट को कोई मानने के लिए तैयार नहीं है।
कलेक्टर को सूंघते ही समझ में आ गया
अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बुधवार को जब 20 नए मरीज भर्ती हुए तो कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव स्वयं फूप पहुंच गए। यहां उन्होंने प्रभावित वार्ड के नागरिकों से बातचीत की और वह पानी मंगवाया जिसकी शिकायत की जा रही है। उन्होंने अपनी को टेस्ट नहीं किया बल्कि केवल SMELL किया। पानी में से इतनी तेज बदबू आ रही थी कि, कोई भी अगला कदम उठाने से पहले कलेक्टर ने नगर परिषद के जल प्रदाय शाखा प्रभारी नीरू बघेल को सस्पेंड कर दिया। मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पटवारी, कलेक्टर का इनफॉर्मर भी होता है। इस प्रकार की स्थिति में पटवारी की जिम्मेदारी होती है कि वह एक्चुअल रिपोर्ट अपने तहसीलदार के माध्यम से सबमिट करें लेकिन जब कलेक्टर मौके पर पहुंचे तो पटवारी मौजूद ही नहीं था। इसके कारण पटवारी बृजमोहन भदौरिया को भी सस्पेंड कर दिया गया।
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