बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीक मंडीदीप जिला रायसेन में स्थित सोम डिस्टलरी शराब फैक्ट्री में कार्रवाई मामले में उलझ गए हैं। उन्होंने जिन 39 बच्चों को मुक्त करने का दावा किया था वह कहां पर हैं, किसी को नहीं पता। पुलिस थाने में मामला दर्ज नहीं हुआ है और अब मुख्यमंत्री द्वारा सस्पेंड किए गए प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी का प्रतिवेदन सामने आया है। इसका निष्कर्ष है की फैक्ट्री में कोई बाल श्रम नहीं हो रहा था, अर्थात प्रियंक कानूनगो का दावा गलत है और उनकी कार्रवाई फर्जी है।
आबकारी अधिकारी का प्रतिवेदन पढ़िए
कार्यालय जिला आबकारी अधिकारी मेसर्स सोम आसवनी प्राइवेट लिमिटेड, सेहतगंज, जिला रायसेन के प्रभारी कन्हैया अतुलकर ने कलेक्टर रायसेन को भेजे प्रतिवेदन में बताया है कि, आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश, ग्वालियर के आदेश पत्र क्रमांक/1 (अ.रा.)/स्था./2024/1496 ग्वालियर दिनांक 10.06.2024 के द्वारा विभागीय समीक्षा हेतु दिनांक 14.06.2024 को आयोजित बैठक में उपस्थित होने हेतु में ग्वालियर गया था। ग्वालियर से में आज दिनांक 15.06.2024 को सड़क मार्ग के रास्ते इस इकाई में दोपहर 04:00 बजे उपस्थित हुआ।
मुझे ज्ञात हुआ कि, आज दिनांक 15.06.2024 को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष महोदय एवं उनकी टीम के द्वारा इस इकाई में बाल श्रम के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है तथा कुछ अवयश्क बच्चों को मेरे कार्यालय के बाजू वाले कमरे में बैठा कर लिखा पड़ी कर रहे हैं।
उपरोक्त कार्यवाही के संबंध में मेरे द्वारा इकाई प्रबन्धक श्री कृष्णकांत मालवीय से पूछ-ताछ की गई तो उनका मौखिक कथन है कि, हमारे द्वारा इस इकाई में कोई भी बाल श्रमिकों से कार्य नहीं करवाया जाता है सभी वयस्क श्रमिक कार्यरत हैं। हों पास के ही गांवों के कुछ श्रमिकों के बच्चे लोग उनके माता पिता को इकाई में खाने का टिफिन, दवाई इत्यादि देने यदा कदा आते रहते हैं किन्तु इन लोगो से कोई श्रम का कार्य नहीं करवाया जाता है।
मेरे द्वारा तथा मेरे अधिनस्थ स्टाफ के द्वारा भी इकाई में श्रमिकों के अतिरिक्त बाल श्रमिकों पर विशेष ध्यान दिया जाता है किन्तु अभी तक बाल श्रमिकों के द्वारा इकाई में कार्य किया जाना प्रकाश में नहीं आया है। जानकारी प्रतिवेदन आपकी ओर सादर सूचनार्थ सम्प्रेषित।
(कन्हैया अतुलकर) प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी मेसर्स सोम आसवनी प्रा०लि० सेहतगंज, जिला रायसेन (म.प्र.) दिनांक: 15.06.2024 पृ० क्रमांक / आब. / सोम/2024-25/४५५
मुख्य बिंदु और ध्यान देने वाली बातें
- मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के कार्यालय से देर शाम प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी कन्हैया अतुलकर को सस्पेंड किए जाने के समाचार प्रसारित हुए परंतु निलंबन आदेश की कॉपी आज तक जारी नहीं हुई।
- रायसेन कलेक्टर की ओर से इस समाचार की पुष्टि नहीं की गई।
- प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी का प्रतिवेदन कार्रवाई के तत्काल बाद और कार्यालय के बंद होने से पहले का है यानी सस्पेंड किए जाने के समाचार प्रसारित होने से पहले का है।
- बाल आयोग के अध्यक्ष ने जिन 39 बच्चों को मुक्त करने का दावा किया था वह प्रशासन के पास नहीं है।
- बाल आयोग के अध्यक्ष के पास 39 बच्चों को प्रशासन को सुपुर्द करने का कोई डॉक्यूमेंट भी नहीं है।
- मेसर्स सोम आसवनी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।
- रायसेन के कलेक्टर ने बाल आयोग के अध्यक्ष के बयान और कार्रवाई का समर्थन भी नहीं किया है।
- मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन के फेसबुक पेज पर अधिकारियों को सस्पेंड किए जाने की कोई सूचना पोस्ट नहीं की गई है।
कुल मिलाकर इस मामले में बाल आयोग के अध्यक्ष महोदय अकेले पड़ गए हैं। अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह अपने दावे को सही साबित करें। प्रमाणित करें कि उन्होंने जिन बच्चों को फैक्ट्री में पकड़ा था, वह अपने माता-पिता को खाना देने नहीं आए थे बल्कि मजदूरी कर रहे थे।
इस समाचार के साथ संलग्न:-
प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी द्वारा कलेक्टर रायसेन के नाम लिखा गया प्रतिवेदन।
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