मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में भोपाल लोकायुक्त पुलिस की टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए कलेक्टर की टीम के एक अधिकारी राजेश खरे को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों की गिरफ्तार किया है। उसके पास से रिश्वत में लिए गए ₹25000 बरामद हुए हैं।
राजगढ़ में सीमांकन के बदले रिश्वत मांगी जा रही थी
वैसे तो कलेक्टर पूरे जिले का मुखिया होता है परंतु राजस्व विभाग का टीम लीडर होता है। इसीलिए कलेक्टर पदनाम पुकारा जाता है। भोपाल लोकायुक्त पुलिस को शिकायत मिली थी कि राजगढ़ में राजस्व विभाग के अधिकारी राजेश खरे (राजस्व निरीक्षक) द्वारा एक किसान से 22 बीघा जमीन के सीमांकन के बदले में रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायत की पुष्टि के लिए पीड़ित किसान और राजस्व निरीक्षक के बीच बातचीत करवाई गई। पहली किस्त के रूप में ₹25000 देना निश्चित हुआ। पूरी बातचीत को रिकॉर्ड किया गया। ऑडियो एविडेंस कलेक्ट होने के बाद भोपाल लोकायुक्त पुलिस द्वारा ट्रैप दल का गठन किया गया।
राजेश खरे राजस्व निरीक्षक राजगढ़ गिरफ्तार
प्लानिंग के तहत किसान को केमिकल युक्त नोट दिए गए। जैसे ही पीड़ित ग्रामीण ने राजस्व निरीक्षक राजेश खरे को रिश्वत की रकम ₹25000 अदा की, मौके पर सिविल ड्रेस में मौजूद लोकायुक्त पुलिस की टीम ने राजस्व निरीक्षक राजेश खरे को पकड़ लिया। केमिकल टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद राजेश खरे के एफ खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और गिरफ्तार कर लिया गया।
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