मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ ग्वालियर की एमपी एमएलए कोर्ट में पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट सबमिट कर दी गई है। अपनी रिपोर्ट में पुलिस ने कमलनाथ को हजारों लोगों की जान जोखिम में डालने का अपराधी बताया है, एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के उल्लंघन का दोषी घोषित करते हुए न्यायालय से सजा निर्धारित करने की मांग की है।
कमलनाथ को 100 लोगों की अनुमति मिली थी ढाई हजार से ज्यादा बुला लिए
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट ग्वालियर में मामले की सुनवाई चल रही है। कमलनाथ पर आरोप है कि उन्होंने कोरोनावायरस के संक्रमण काल में, जबकि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 लागू था, ग्वालियर एवं दतिया में हजारों लोगों की सभा का आयोजन किया। कमलनाथ को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन की शर्त पर सिर्फ 100 लोगों की उपस्थिति में सभा करने की अनुमति दी गई थी। उनकी सभा में ढाई हजार से अधिक लोग मौजूद थे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा था। अधिवक्ता श्री आशीष प्रताप सिंह की शिकायत पर हाई कोर्ट के निर्देश के बाद मामला दर्ज किया गया था। 4 साल लंबी जांच के बाद पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है।
एक मामला नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ भी दर्ज है
आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के उल्लंघन का मामला केवल कांग्रेस के नेता कमलनाथ के खिलाफ नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह को तोमर के खिलाफ भी दर्ज है। इस मामले में पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल एवं अन्य कई भाजपा नेता भी आरोपित किए गए हैं। सरकार ने इस मामले में खात्मा रिपोर्ट लगाने की कोशिश की थी, परंतु शिकायत करने वाले अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह की आपत्ति के कारण मामला अभी भी प्रचलन में है।
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