मध्य प्रदेश के ग्वालियर में संगीत के कलाकार, भजन गायक एवं कथावाचक धर्मेंद्र ओझा ने आत्महत्या कर ली। वह डोली बुआ के पुल के पास रहते थे। उनकी डेड बॉडी उन्हीं के कमरे में फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली। बताया गया है कि उनकी टोटल दो शादी हुई थी। पहली पत्नी ने उनके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करवा दिया था जो कोर्ट में झूठा पाया गया। सुसाइड नोट के अनुसार दूसरी पत्नी के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली।
जिससे लव मैरिज की थी उसी के कारण आत्महत्या कर ली
घटना शुक्रवार सुबह की है। सुसाइड से पहले उन्होंने वीडियो बनाकर अपने भाई को भेजा। इसमें कहा, 'पत्नी ने दोस्त छुड़ा दिए। काम-धंधा छुड़ा दिया।मेरी मां के खत्म होने के बाद मेरी भाभी ने मुझे बचपन से पाला, इसने उन पर गंदे आरोप लगाए। मैंने जितनी प्रताड़ना झेली है, कोई नहीं झेल सकता। कथावाचक ने डेढ़ साल पहले लव मैरिज की थी। ये उनकी दूसरी शादी थी। वीडियो में धर्मेंद्र ने कहा- मेरे पिता की उम्र 85 साल है। अस्थमा के पेशेंट हैं। कभी इसने (दूसरी पत्नी) उनकी सेवा करने की कोशिश नहीं की। मैंने फिर भी कुछ नहीं कहा। इसने मेरे आश्रम में फोन लगाकर मुझे काम देने से मना कर दिया। पुलिस भेजने की धमकी दी लेकिन उन्होंने मेरे व्यवहार को देखते हुए मुझे काम दिया।
इसकी हर ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश की
किसी कलाकार को साथ लेकर जाता तो उससे गाली-गलौज करती। मेरे सभी दोस्तों को गालियां दी इसने। ये औरत कहती है कि सिर्फ मेरे पास रहो। मैं सिर्फ इसके चक्कर में अपना घर छोड़कर किराए के मकान में रह रहा हूं। 1 महीने से खाली बैठा हूं। फिर भी अपना समझकर इसके खर्च में कोई कमी नहीं की। ये प्रेग्नेंट थी इसलिए इसकी हर ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश की। इसने फिर भी लड़ना बंद नहीं किया। सदा लड़ती रही।इसके घरवालों को बताया लेकिन उन्होंने एक्शन नहीं लिया। एक ही बात बोलते रहे कि हमने तो पहले ही शादी करने से मना किया था। वो तो ऐसे ही गुस्से की तेज रहेगी, तुम्हें रखना हो तो रखो।
बरी करने से क्या फायदा, जब मेरी बदनामी हो गई
इस बीच मैंने रिपोर्ट करने की कोशिश की तो वकीलों ने सलाह दी कि आजकल औरतों की सुनवाई है। तुम्हारी पहली पत्नी ने भी झूठा केस लगाया था तुम पर...। उसने मुझ पर रेप का केस लगाया था। अंधा कानून मर्द को कसूरवार ठहराता है। उस समय बरी कर दिया, लेकिन मेरी उस जिंदगी का क्या, जो बर्बाद हो गई। ये औरत भी मेरी मौत की जिम्मेदार है। मेरी पिछली सारी जिंदगी बर्बाद कर दी। कानून बरी कर देता है। बरी करने से क्या फायदा? जब मेरी बदनामी हो गई, मेरा सब कुछ छिन गया।
भारत के कानून ने औरत को इतनी छूट दे दी है कि...
दोबारा से रेप्यूटेशन बनाई है मैंने...। भारत के कानून ने औरत को इतनी छूट दे दी है कि वो कभी भी किसी मर्द को फंसा सकती है। मैं एक बात पूछता हूं कि सिर्फ आदमी ही दोषी है हर बार? अगर अंधा कानून नहीं है, थोड़ी सी भी आंख खुली हैं तो मैं एक गुहार लगा रहा हूं कि दोनों को कड़ी सजा दें। कानून में थोड़ा सा बदलाव लाएं, ताकि जिन मर्दों का औरतों ने जीवन नर्क बना रखा है, वे गुहार लगा सकें।
इन्होंने जीवन नर्क बना दिया
दोनों औरतों के कारण मैं आज आत्महत्या कर रहा हूं। मेरे जाने के बाद मेरी सारी चीजों पर अधिकार सिर्फ मेरे घरवालों का होगा। सभी को राधेश्याम...। ठाकुर जी ने जितनी जिंदगी दी, उतनी जीकर जा रहा हूं। मैंने तो बहुत कुछ करने की कोशिश की... लिहाज करने की कोशिश करता था लेकिन इन्होंने कभी कुछ करने नहीं दिया। जीवन नर्क बना दिया, आज कुछ बचा नहीं इसीलिए सभी को राम-राम...।
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