कांग्रेस नेता कमलनाथ कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास से रवाना हुए। उन्होंने कहा, हमने मध्यप्रदेश और देश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। क्या हो रहा है और क्या होना चाहिए, हमने इस पर चर्चा की। उल्लेख अनिवार्य है कि कमलनाथ पूर्व में कुछ भी रहे हो परंतु वर्तमान में छिंदवाड़ा के विधायक हैं जहां से उनके बेटे नकुलनाथ को अच्छे वोट नहीं मिले, लेकिन पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का सुपड़ा साफ हो गया है और शायद इसी आपदा को कमलनाथ अपने लिए अवसर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस का क्या होगा
विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का सुपड़ा साफ हो गया है। छिंदवाड़ा में कमलनाथ (जिन्होंने अपना टिकट अपने बेटे नकुलनाथ को दे दिया था) और राजगढ़ में दिग्विजय सिंह चुनाव हार चुके हैं। और उन्हें यादव और अजय सिंह राहुल में इतनी ताकत नहीं है कि वह इन परिस्थितियों में पार्टी को संभाल सके। डॉक्टर गोविंद सिंह और केपी सिंह जैसे नेता वैसे भी पार्टी के लिए काम नहीं करते। कुल मिलाकर पार्टी के पास अब कोई नेता नहीं है। चुनाव खत्म हो गए हैं और कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर चेयर रेस शुरू हो गई है। हर कोई हाई कमान का ध्यान अपने ऊपर से डाइवर्ट करके किसी दूसरे के ऊपर फोकस करने की कोशिश कर रहा है।
अगले 5 साल तक यही प्रतियोगिता चलती रहेगी। राहुल गांधी ने राजनीति के कुछ पेपर पास कर लिए हैं परंतु पार्टी को लीड करने के लिए एलिजिबल नहीं हुए हैं। उनकी इस कमजोरी का फायदा मध्यप्रदेश के नेता उठाते रहेंगे। राजधानी भोपाल में पार्टी का ऑफिस पहले की तरह रहेगा लेकिन पार्टी दिखाई नहीं देगी।
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