मध्य प्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा अक्सर ऐसे आदेश जारी होते हैं, जो स्पष्ट करते हैं कि संचालनालय मध्य प्रदेश के आम नागरिकों के हित में नहीं बल्कि किसी और के हितों को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है। आज अनुशासनहीन प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू करने के बजाय उनको सपोर्ट करते हुए लास्ट डेट बढ़ने का सर्कुलर जारी कर दिया गया।
DPI ने कार्रवाई के स्थान पर लास्ट डेट बढ़ा दी
मामला फीस निर्धारण का है। मध्य प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन चल रहे हैं। कई स्कूलों में सीट फुल हो चुकी है। अप्रैल के महीने में ट्रायल क्लास लग चुकी है और अब बच्चे होमवर्क कर रहे हैं। इसके बावजूद हजारों स्कूलों ने मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2018 एवं नियम 2020 के प्रावधानों के तहत फीस संरचना संबंधित जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की है जबकि इन्हीं स्कूलों ने एडमिशन के लिए अपनी वेबसाइट अपडेट कर दी है। स्टेशनरी प्रिंट हो चुकी है और विज्ञापन चल रहे हैं। पूरे मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में शिकायत आने के बाद लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा सरकारी पोर्टल पर फीस स्ट्रक्चर अपलोड करने की लास्ट डेट 8 जून घोषित की थी, जिसे आज 7 जून को, बिना किसी कारण के बढ़ा दिया गया है।
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी किया गया सर्कुलर पढ़िए
श्री केके द्विवेदी, संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा समस्त कलेक्टर, समस्त संभागीय संयुक्त संचालक तथा समस्त जिला शिक्षा अधिकारी के नाम जारी पत्र क्रमांक 850 में लिखा है कि, मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2018 एवं नियम 2020 के प्रावधानों के तहत फीस संरचना संबंधित जानकारी पोर्टल पर अपलोड किये जाने किस संदर्भ में संचालनालय का पत्र कमांक / विद्या / नि.वि. दिनांक 20.05.2024. फीस/पी/422/2023-24/747-748 जारी किया गया था। इस पत्र में निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 एवं नियम-2020 के प्रावधानों के तहत पोर्टल पर फीस संरचना की जानकारी अपलोड किये जाने हेतु अंतिम तिथि दिनांक 08 जून 2024 तक निर्धारित की गई है। उक्तानुसार जारी आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए पोर्टल पर फीस संरचना सम्बंधी जानकारी अपलोड किये जाने की अंतिम तिथि में वृद्धि की जाकर दिनांक 24 जून 2024 नियत की जाती है। शेष निर्देश यथावत रहेंगे। (इस सर्कुलर की डाउनलोड कॉपी इस समाचार में अपलोड कर दी गई है। पूरा समाचार पढ़ने के बाद उसे चेक कर सकते हैं, प्रिंटआउट निकाल सकते हैं और SAVE AS भी कर सकते हैं)।
जब बागड़ ही बेईमान हो जाए
खेत में लहलती फसल को उपद्रवी लालची लावारिस जानवरों से बचने के लिए कांटेदार पेड़ों से बनी हुई बागड़ लगाई जाती है। बागड़ का काम है कि वह जानवरों से फसल की रक्षा करें परंतु जब बागड़ ही बेईमान हो जाए, तो फसल को जानवरों से कौन बचा सकता है। प्राइवेट स्कूलों के मामले में कुछ ऐसा ही हो रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय एवं लोक शिक्षण संचालनालय वह बागड़ है जो जनता को प्राइवेट स्कूलों की लोटरी पॉलिसी से बचाने के लिए नियुक्त किए गए हैं परंतु इस प्रकार के सर्कुलर, यह शक करने पर मजबूर कर देते हैं कि, बागड़ बेईमान हो रही है।
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