मध्य प्रदेश शासन, वन विभाग द्वारा आयोजित वनरक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान शारीरिक दक्षता की जांच के लिए आयोजित फिजिकल टेस्ट में भी व्यापम घोटाले जैसा घोटाला पकड़ा गया है। पहला मामला पन्ना जिले में पकड़ा गया है परंतु विश्वास पूर्व कहा जा सकता है कि यह एकमात्र और अंतिम नहीं है।
फॉरेस्ट गार्ड फिजिकल टेस्ट में व्यापम जैसा घोटाला कैसे हुआ
मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाला कई चरणों में हुआ है। पहले चरण में परीक्षार्थी के स्थान पर कोई दूसरा व्यक्ति बैठकर परीक्षा देता था। दूसरे राउंड में परीक्षार्थी अपने कंप्यूटर पर बैठकर उत्तर दर्ज करने की एक्टिंग करता था जबकि उसका कंप्यूटर रिमोट पर होता था और बाहर बैठा हुआ एक विशेषज्ञ उसके कंप्यूटर के अंदर घुसकर उसकी जगह परीक्षा दे रहा होता था। पन्ना में कुछ ऐसा ही हुआ है। 25 किलोमीटर की दौड़ में अयोग्य उम्मीदवार राजकुमार वर्मा चेस्ट नंबर 17 को पास करवाने के लिए रास्ते में मोटरसाइकिल का प्रबंध किया गया। उम्मीदवार राजकुमार वर्मा मोटरसाइकिल पर बैठकर दौड़ पूरी कर रहा था। जिसे उत्तर वन मंडल के उपवन मंडल अधिकारी विश्रामगंज दिनेश गौर ने पकड़ लिया।
यह एकमात्र और अंतिम मामला नहीं है
एसडीओ दिनेश गौर ने बताया कि उम्मीदवार को डिसक्वालीफाई कर दिया गया और यदि भविष्य में भी कोई उम्मीदवार ऐसा पकड़ा गया तो उसे भी डिसक्वालीफाई कर दिया जाएगा। अर्थात फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने बड़ी ही चतुराई के साथ घोटाले का खुलासा होने से रोक लिया। जबकि मामला पुलिस के सुपुर्द किया जाना चाहिए था। जो व्यक्ति अनफिट उम्मीदवार को पास करवाने के लिए मोटरसाइकिल चला रहा था उसे भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। यदि ऐसा होता तो पूछताछ में यह पता चल जाता कि पन्ना में कुल मिलाकर कितनी मोटरसाइकिल चल रही हैं। यह भी पता चल जाता कि यह इनोवेशन केवल पन्ना जिले में हुआ है या फिर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की परंपरा में शामिल है। इसलिए विश्वास पूर्वक कहा जा सकता है कि यह मामला एकमात्र और अंतिम मामला नहीं है।
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