मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के डीएफओ श्री सुधांशु यादव के पर्चे के चर्चे राजधानी भोपाल तक पहुंच गए हैं। मध्य प्रदेश सरकार के वन विभाग मंत्रालय के एक अधिकारी द्वारा निजी स्तर पर इस मामले की जांच करवाई जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि पर्चे में लिखी बातों में कितनी सच्चाई है। उधर शिवपुरी में डीएफओ ने अपने समर्थन में वन विभाग की महिला कर्मचारियों का कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन करवाया।
घटना का विवरण
शिवपुरी जिला मुख्यालय में शनिवार सुबह शहर के छत्री क्षेत्र, वन विद्यालय, करबला के पास लगे मोदी वन बोर्ड के साथ दरवाजे पर और होटल ठाटबाट के बोर्ड के साथ कई स्थानों पर पर्चे चिपके मिले। इन पर्चो में लिखा था कि, डीएफओ जंगल का शत्रु है। वह जंगल माफिया और खनन माफिया है, मोटी रकम लेता है। इसे हटाओ शिवपुरी को बचाओ। इसके अलावा यह भी लिखा था कि एक महिला रेंजर के साथ उसके अवैध रिश्ते हैं।
घटना की प्रतिक्रिया
डीएफओ श्री सुधांशु यादव ने शिवपुरी के स्थानीय पत्रकारों को बताया कि, उन्होंने पुलिस अधीक्षक शिवपुरी को इस मामले की शिकायत की है। एसपी शिवपुरी ने थाना कोतवाली के इंस्पेक्टर रोहित दुबे को इस मामले की इन्वेस्टीगेशन करने की जिम्मेदारी दी है। इंस्पेक्टर रोहित दुबे की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है। इधर रविवार को डीएफओ ने अपने समर्थन में वन विभाग की कुछ महिला कर्मचारियों को ज्ञापन देने के लिए कलेक्टर कार्यालय भेजा।
पब्लिक क्या जानना चाहती है
इस मामले में पब्लिक केवल यह जानना चाहती है कि, सच्चाई क्या है। श्री सुधांशु यादव का पिछला ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है। यदि किसी वन माफिया से उनके संबंध है तो वह कौन है और उन्होंने अब तक कितनी वन संपदा को नुकसान पहुंचा दिया है। यदि किसी दूसरी महिला के साथ उनके संबंध है तो क्या यह एक प्रेम संबंध है अथवा डीएफओ ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसे अपने साथ आने पर मजबूर कर दिया है।
शिवपुरी पुलिस ने उन सभी लोगों को हिरासत में ले लिया है, जिनके ऊपर डीएफओ यादव ने शक जताया था। समाचार लिखे जाने तक पुलिस की ओर से कोई अधिकृत बयान नहीं आया है और किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी घोषित नहीं की गई है।
एसपी शिवपुरी ने मामले का खुलासा किया, दो कर्मचारी गिरफ्तार, महिला रेंजर अंडरग्राउंड
इस मामले का खुलासा करते हुए शिवपुरी पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने मीडिया को बताया कि इस मामले की शिकायत के बाद सिटी कोतवाली पुलिस ने शहर के आईटीआई तिराहा और करवाल पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू किया तो तीन लोग पर्चे चिपकात हुए नजर आए थे।
वीडियो फुटेज में दिख रहे तीन व्यक्तियों में से दो की पहचान शौकत अली वन रक्षक शिवपुरी एवं प्रभु दयाल शर्मा वन रक्षक शिवपुरी के रूप में हुई, दोनों आरोपियों से पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि दोनों आरोपियों ने रेंजर कृतिका शुक्ला द्वारा दिए गए पोस्टरों को शहर में चिपकाया है एवं पोस्टर चिपकाने के लिए एक अन्य साथी रमेश शर्मा निवासी पुरानी शिवपुरी भी उनके साथ रहा हैं। प्रकरण में तीनों आरोपी शौकत अली, प्रभूदयाल शर्मा एवं रमेश शर्मा से विस्तृत पूछताछ की तो तीनो आरोपियों ने बताया कि रेंजर कृतिका शुक्ला ने डीएफओ सुधांशु यादव का ट्रांसफर करवाने व बदनामी करने के आशय से इस तरह के पोस्टर रेंजर कृतिका शुक्ला के कहने पर शहर में लगाए है। पुलिस ने इस मामले में रेंजर कृतिका शुक्ला सहित तीनो आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया है। वही फिलहाल रेंजर कृतिका शुक्ला फरार बताई जा रही है।
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