मध्य प्रदेश शासन के परिवहन विभाग में खुली वसूली होती है। रिश्वत के बदले प्रावधानों की प्रावधान खत्म कर दिए जाते हैं और बिना रिश्वत के तो ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं बनता। यह किसी से छुपा नहीं है, लेकिन आज अपर आयुक्त का एक पत्र वायरल हो गया। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है।
अपर आयुक्त परिवहन विभाग उमेश जोगा का पत्र पढ़िए
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री उमेश जोगा ने समस्त प्रभारी अधिकारी, परिवहन चेकपोस्ट, मध्य प्रदेश के नाम एक पत्र जारी किया है। जिसमें लिखा है कि, परिवहन जाँच चौकियों पर किसी भी तरह के प्रायवेट व्यक्तियों/अनाधिकृत तत्वों को वाहनों की जांच के समय मौजूद न रहने दिया जावे। इसके उपरांत भी कुछ जाँच चौकियों पर प्रायवेट व्यक्तियों की उपस्थित एवं कार्य करने की शिकायतें विभिन्न मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन एवं विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित हो रहे हैं, यह कृत्य पूर्व में जारी निर्देशों की अवहेलना होकर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
अतः पुनः निर्देशित किया जाता है कि, परिवहन जाँच चौकियों पर प्रायवेट/अनाधिकृत व्यक्तियों की मौजूदगी का कठोरता से निषेध किया जावे। सम्बन्धित जिले के क्षेत्रीय/अति. क्षेत्रीय/जिला परिवहन अधिकारी परिवहन जाँच चौकियों का आकस्मिक निरीक्षण कर सुनिश्चित करें तथा इस आशय की रिपोर्ट परिवहन जाँच चौकी के रोजनामचों में अंकित करें।
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा औचक /आकस्मिक निरीक्षण के दौरान परिवहन जाँच चौकियों पर प्रायवेट/अनाधिकृत व्यक्तियों की मौजूदगी पाए जाने पर उनके विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही की जावेगी, साथ ही सम्बन्धित परिवहन जाँच चौकी प्रभारी के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी। आदेश का कठोरता से पालन किया जावे एवं कराया जावे। इस आदेश को परिवहन जाँच चौकी पर पदस्थ प्रत्येक कर्मचारी को पढ़कर सुनावें एवं नोट करावें।
अपर आयुक्त के पत्र का निष्कर्ष
1. पत्र की डाउनलोड कभी इस समाचार में संलग्न कर दी गई है। समाचार पढ़ने के बाद स्क्रॉल करके पत्र को पढ़ सकते हैं और SAVE AS भी कर सकते हैं। दिनांक 25 जून 2024 को जारी किया गया यह पत्र, दिनांक 19 अप्रैल 2017 को जारी किए गए पत्र क्रमांक 2396/प्रर्व. राजस्व/टीसी/2017 ग्वालियर के संदर्भ में है। अर्थात दिनांक 19 अप्रैल 2017 के पहले मध्य प्रदेश की परिवहन जांच चौकिया में प्राइवेट व्यक्तियों की मौजूदगी इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि कमिश्नर ऑफिस से बाकायदा सर्कुलर जारी करना पड़ा। तब से लगातार स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है, और यह पत्र उसी प्रक्रिया का एक हिस्सा है।
2. अपर आयुक्त परिवहन विभाग उमेश जोगा ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि उन्होंने यह रिमाइंडर इसलिए जारी किया है क्योंकि मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा शिकायत की गई है और कुछ समाचार पत्र में इस आशय के समाचार प्रकाशित हुए हैं।
पत्र पर कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी के मीडिया एडवाइजर श्री केके मिश्रा ने अपने बयान में लिखा है कि, आभार, अपर परिवहन आयुक्त उमेश जोगा जी (आईपीएस) आपने यह तो स्वीकार किया कि प्रदेश की परिवहन चौकियों पर व्यापक भ्रष्टाचार है….! इस सच्चाई को पूर्व में उजागर करने का दंश मैं अभी तक झेल रहा हूं! ख़ैर, कृपाकार इसे भी परिभाषित कर दीजिए कि यहां अवैध रूप से कार्यरत “कटर” क्या बीमारी है?
नेता प्रतिपक्ष श्री उमंग सिंघार ने अपने बयान में कहा है कि यह पत्र भ्रष्टाचार की स्वीकारोक्ति है। इस बात की जांच की जानी चाहिए कि परिवहन चौकियों पर प्राइवेट लोग खड़े होकर किसके लिए चंदा वसूली कर रहे हैं।
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