MPPSC INSPIRATIONAL STORY- भरी धूप में पैदल पढ़ने जाती थी, आरती डीएसपी बन गई

Bhopal Samachar
All's well that ends well” यानी कि अंत भला तो सब भला पर यह अंत नहीं है, बल्कि यह तो अभी सफलता की शुरुआत है। प्रतियोगी परीक्षा पास करके एक अच्छे पद तक पहुंच जाना मंजिल नहीं बल्कि पड़ाव है। अब पद का सदुपयोग करके कुछ ऐसा करना है ताकि किसी दूसरे को इतना संघर्ष ना करना पड़े। 

बिलरई वाले मालम सिंह की बेटी ने MPPSC क्लीयर किया

आज की कहानी है विदिशा, मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव "बिलरई" की सुश्री आरती रघुवंशी (ROLL NO-106011) की जो की हाल ही में MPPSC 2021 में DSP के पद पर चयनित हुई है। आरती ने अपने नाम के साथ-साथ अपने पिता -श्री मालम सिंह रघुवंशी, माता जी -श्रीमती सुनीता रघुवंशी ,बड़े भाई- ओम रघुवंशी (रेलवे कर्मी) और छोटे भाई -हर्ष रघुवंशी (अध्यनरत), दोस्तों, रिश्तेदारों, समाज सभी का नाम रोशन कर दिया पर यह चमत्कार रातों -रात नहीं हुआ बल्कि उसके पीछे है ,उसकी बरसों की कड़ी मेहनत।

AARTI RAGHUWANSHI DSP के पद पर कैसे चयनित हुई

एमपीपीएससी 2021 में DSP के पद पर चयनित होने वाली आरती रघुवंशी एक मध्यम वर्गीय परिवार से है, जिन्हें बहुत ज्यादा सुख -सुविधा नहीं मिली। जब उन्होंने अपने इस सफर की शुरुआत की थी तब वह हर जगह को पैदल ही आती-जाती थी। इसके बाद कुछ सेविंग्स के बाद उन्होंने एक साइकिल खरीदी। इसके बाद पिछले तीन-चार साल से एक पार्ट टाइम जॉब कर रही थी, तो उन्होंने किसी तरह से अपने लिए एक स्कूटी भी खरीद ली थी, जिसे वह काफी डर-डर कर चलाया करती है। 

2014 में वह अपने गांव से 12th PASS करके विदिशा में रहने लगी थी। कॉम्पिटेटिव एक्जाम की कोचिंग भी ज्वाइन की पर उम्र कम होने के कारण उसे समय कुछ ज्यादा समझ नहीं आ रहा था। जैसे-जैसे GRADUATION कंप्लीट हुआ थोड़ी समझ बढ़ती गई और पता लगा कि उसे कोई छोटी जॉब नहीं करनी बल्कि उसे तो MPPSC की तैयारी करनी है। 2018 तब उसने मन बना लिया था कि उसे तो सिर्फ MPPSC पर ही फोकस करना है। बाकी लोग एडवाइज देते रहे, DELED कर लो, B.Ed कर लो, शादी कर लो etc पर उसने और उसके घर वालों ने किसी की एक नहीं सुनी और उसने अपना पूरा फोकस सिर्फ MPPSC पर ही रखा और नतीजा आज आपके सामने है।

MPPSC 2019 में असफल होने के बाद भी प्रयास करना नहीं छोड़ा

कहते हैं संघर्ष की कहानी आसान नहीं होती MPPSC 2019 में इंटरव्यू तक पहुंचाने के बाद आरती असफल हो गई थी, तब थोड़ी हिम्मत उसने भी हार दी थी जो की नेचुरल है परंतु उसने मेहनत करना नहीं छोड़ा और और वह अपनी एक छोटी सी जॉब के साथ भी दिन-रात मेहनत करती रही और आखिर में MPPSC 2021 में DSP के पद पर चयनित हुई।

MORAL OF THE STORY

"BETTER LATE THAN NEVER" यानी देर से ही सही पर सफलता जरूर मिलेगी बस आपको डटे रहना है। आरती को उनकी इस सफलता के लिए बहुत-बहुत बधाई,आगे भी हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए, उम्मीद करते हैं कि वह और भी ऊंचाइयों पर पहुंचे। ✒ श्रीमती शैली शर्मा

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