डॉ राजेश लाल मेहरा (अध्यक्ष) और श्री प्रबल सेपाहा (सचिव), मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर को संचालित करने में पूरी तरह से विफल साबित हो रहे हैं। एक परीक्षा निर्विवाद नहीं हो पा रही है। हाईकोर्ट में दावे और आपत्तियों के भंडार लगे हुए हैं। अब तो प्राइमरी लेवल पर भी गड़बड़ी होने लग गई है। कल जारी करने के बाद एक उत्तर कुंजी वेबसाइट से हटा दी थी। आज एक विज्ञापन हटा दिया है।
MPPSC NEWS - मध्य प्रदेश मेडिकल ऑफिसर भर्ती परीक्षा नोटिफिकेशन विवाद
ताजा मामला लोग स्वस्थ एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए मेडिकल ऑफिसर की 690 वैकेंसी हेतु भर्ती परीक्षा के आयोजन का है। इस प्रकार की परीक्षाओं के आयोजन हेतु मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर का गठन किया गया था। ताकि परीक्षा में किसी भी प्रकार की बेईमानी और गड़बड़ी न हो पाए। शुक्रवार को एमपीपीएससी इंदौर ने अपनी वेबसाइट पर मेडिकल ऑफिसर्स की 690 वैकेंसी के लिए नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें रिटायरमेंट की उम्र 62 वर्ष लिखी थी। जब भोपाल के पत्रकार श्री अजय वर्मा और गिरीश उपाध्याय ने इस बारे में सवाल किया तो मध्य प्रदेश पीएससी के सचिव श्री प्रबल सेपाहा ने वेबसाइट से नोटिफिकेशन हटा दिया। इसकी पुष्टि एमपी लोक सेवा आयोग के ओएसडी डॉ रविंदर पंचभाई ने की है।
इससे पहले मध्य प्रदेश राज्य सेवा एवं राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा की Provisional Answer Key गलत जारी कर दी थी। जब इंदौर के पत्रकार संजय गुप्ता ने सवाल किया तो उत्तर कुंजी भी जारी करने के बाद हटा दी थी।
प्रमुख सचिव के पास जवाब नहीं, इंट्रेस्ट भी नहीं
इस मामले में जब मंत्रालय में सवाल जवाब किए गए तो स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव श्री विवेक पोरवाल के पास इस बात का कोई जवाब ही नहीं था। उन्हें मालूम ही नहीं है कि मध्य प्रदेश में डॉक्टर की रिटायरमेंट आयु कितनी है और डिपार्टमेंट की ओर से एमपीपीएससी को भेजी गई वैकेंसी में रिटायरमेंट की उम्र कितनी लिखी हुई है। चिंता की बात तो यह है कि उन्होंने, इस विषय को गंभीरता से लिया ही नहीं और पत्रकार श्री अजय वर्मा एवं गिरीश उपाध्याय के प्रश्न का कोई उत्तर नहीं दिया।
डिप्टी डायरेक्टर डिपार्टमेंट चला रहे हैं!
डिप्टी डायरेक्टर डॉ योगेश नीखरा ने बताया कि, डिपार्टमेंट में इलाज करने वाले डॉक्टर की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष की गई है। जबकि शेष सभी कर्मचारियों और प्रशासनिक अधिकारियों की सेवानिवृत्ति 62 वर्ष की आयु में की जाएगी। यही प्रावधान है और इसी प्रावधान के अनुसार डिपार्टमेंट द्वारा जारी की गई वैकेंसी में मेडिकल ऑफिसर की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष घोषित की गई है। कुल मिलाकर डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर के पास सवाल का जवाब था और वह ना तो एमपीपीएससी के सचिव की तरह घबराए हुए थे और ना ही अपने डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव की तरह बेपरवाह थे।
MPPSC वालों को बताओ, यह इंटरनेट है, व्हाइट बोर्ड नहीं
अरे, कोई तो जाओ। इन एमपीएससी वालों को बताओ। यह इंटरनेट है, आपकी मीटिंग रूम का व्हाइट बोर्ड नहीं है जिस पर कुछ भी लिखकर मिटाया जा सकता है। यहां तो आप यदि कुछ सर्च करने के बाद पूरी हिस्ट्री क्लियर कर दें तब भी सिर्फ 1 मिनट के भीतर यह पता लगाया जा सकता है कि आपने कंप्यूटर में क्या सर्च किया है। इनके द्वारा जितनी भी फाइल अपलोड की जा रही हैं। सब न केवल सर्वर में मौजूद है बल्कि ऑनलाइन भी है। केवल होम पेज से डायरेक्ट लिंक हटाई जा रही है। इनको बताओ कि सारे सबूत मौजूद हैं, जो प्रमाणित करते हैं कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सचिव, बिना गलती और बिना गड़बड़ी वाली परीक्षा करवाने में पूरी तरह से अयोग्य साबित हुए हैं। यदि सरकार चाहती है कि, मध्य प्रदेश के बुद्धिमान विद्यार्थियों में उसका मजाक ना बने तो उसे गंभीर कदम उठाने पड़ेंगे। आयोग में कुर्सियां नहीं बल्कि कुर्सियों पर बैठे हुए लोगों को बदलने का वक्त आ गया है।
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