वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने अचानक रात 12 बजे भोपाल स्टेशन पहुंचकर स्टेशन का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें प्लेटफार्म नंबर एक पर जनता खान के बासी पैकेट मिले जबकि एक स्टॉल पर सड़ा हुआ बदबूदार खाना मिला। उन्होंने स्टॉल बंद करने के आदेश दिए और इसकी जानकारी प्रेस को भेजी परंतु यात्रियों को हानिकारक खाना बेचने वाले वेंडर का नाम नहीं बताया। इस प्रकार एक कार्रवाई की गई परंतु अपराधी का नाम छुपाया गया।
भोपाल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर जनता खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
सुबह 4 बजे तक चले इस निरीक्षण के दौरान भोपाल स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक 1 पर संचालित खानपान स्टॉल पर उपलब्ध गैर-अनुमोदित फ्लेवर्ड मिल्क, लस्सी इत्यादि खाद्य सामग्री के कुल 39 कार्टन जब्त किए गए। स्टाल पर उपलब्ध खाने के पैकेटों की जांच करने पर पाया गया कि वे लंबे समय से पैक हैं और अब मानव उपयोग के लायक नहीं हैं। इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक की निगरानी में सभी पैकेट्स को नष्ट कराया गया। साथ ही संबंधित लाइसेंसी के प्रतिनिधि को आवश्यक सुधार कर गुणवत्तापूर्ण खानपान उपलब्ध कराने के लिए समझाइश दी गई।
भोपाल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर सड़ा हुआ खानपान
इसी प्रकार प्लेटफार्म क्रमांक 1 पर संचालित एक अन्य खानपान स्टॉल पर भी खाद्य सामग्री की जांच की गई। खराब गुणवत्ता की खाद्य सामग्री पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई कर उस स्टाल का संचालन बंद करवा दिया गया। उपरोक्त कमियों को दूर करने के लिए लाइसेंसी के प्रतिनिधि कर्मचारियों को निर्देश दिए गए और समय-समय पर खानपान स्टॉल की जांच के लिए रेल कर्मचारियों को निर्देशित किया गया।
इस कार्रवाई के दौरान उप स्टेशन प्रबंधक (वाणिज्य), मुख्य खानपान निरीक्षक, वरिष्ठ वाणिज्य निरीक्षक, मुख्य टिकट निरीक्षक और अन्य पर्यवेक्षक उपस्थित थे।
रेलवे के अधिकारी घटिया खाना बेचने वाले वेंडरों के नाम क्यों छुपाते हैं
जैसा कि पश्चिम मध्य रेलवे के जनसंपर्क कार्यालय द्वारा प्रशासन के लिए भेजे गए इस समाचार में यह तो बताया गया कि वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने भोपाल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर कार्रवाई की गई और वह यात्रियों के हित में बड़े संवेदनशील अधिकारी हैं परंतु इसी समाचार से यह भी प्रमाणित होता है कि, भोपाल रेलवे स्टेशन का मैनेजमेंट कितना खराब है और यहां पर नियमित रूप से यात्रियों को घटिया खाना दिया जाता है। अधिकारियों ने बड़ी चतुराई के साथ उस दुकानदार का नाम छुपा लिया, जो यात्रियों को दूषित खाना दे रहा था। इस प्रकार यात्रियों के हित का दिखावा किया गया परंतु एक अपराधी को बचाने की कोशिश भी की गई।
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