दिनांक 30 जून 2024 को शनि देव वक्री हो गए एवं दिनांक 15 नवंबर तक वक्रगत रहेंगे। इस दौरान समस्त 12 राशि के मनुष्य को प्रभावित करेंगे। जिन लोगों को पिछले 6 महीने में कष्ट प्राप्त हुए हैं उन्हें राहत मिलेगी और जो लोग पिछले 6 महीने में तेजी से तरक्की की सीढ़ी चढ़ रहे थे, अब उनकी सफलता के सफर में विश्राम होगा। आईए जानते हैं उत्तर भारत के ज्योतिष शास्त्र के अनुसार समस्त 12 राशि के मनुष्यों पर वक्री शनि का क्या प्रभाव पड़ेगा।
नाम के अनुसार राशि का निर्धारण
- मेष - चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ
- वृष - ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
- मिथुन - का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह
- कर्क - ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
- सिंह - मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
- कन्या - ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
- तुला - रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
- वृश्चिक - तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
- धनु - ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
- मकर - भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी
- कुंभ - गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
- मीन - दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची
वक्री शनि का आपकी राशि पर क्या असर होगा
- मेष: रुके कार्य में प्रगति के योग बन रहे हैं। प्रयास करें।
- वृषभ: बड़े पद की प्राप्ति का योग है।
- मिथुन: भाग्य का सहयोग प्राप्त हो सकेगा।
- कर्क: स्वास्थ्य में राहत का अनुभव होगा। मानसिक तनाव भी कम होगा।
- सिंह: विशेष कार्य के लिए यात्रा तथा व्यवसाय योजना का प्रस्ताव मिलेगा।
- कन्या: कुछ स्थानों पर मौन रहने की आवश्यकता होगी।
- तुला: जो मित्र पहले सहयोग नहीं कर रहे थे, वे अब करेंगे।
- वृश्चिक: संपत्ति के मामलों में मध्यस्थता सहयोग करेगी।
- धनु: प्रतीक्षित कार्य अथवा आर्थिक या व्यवसायिक सफलता के योग।
- मकर: आंशिक मानसिक तनाव संभावित है, किंतु अधिक न सोचें।
- कुंभ: वैचारिक परिवर्तन दुविधा की स्थिति बनाएगा।
- मीन: कुछ स्थानों पर राहत का अनुभव होगा।
शनि की विशेष साधना - मकर, कुंभ, मीन राशि वालों के लिए
जिन जातकों को शनि की साढ़ेसाती चल रही है, जिसमें मकर राशि वालों को अंतिम ढैय्या, कुंभ राशि वालों को द्वितीय ढैय्या और मीन राशि वालों को पहला ढैय्या चल रहा है, उनके लिए यह समय अनुकूल तो है, किंतु मनोवांछित परिणाम की प्राप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान लाभकारी रहेंगे। शनि महाराज को प्रसन्न करने के लिए शनि के विशिष्ट मंत्रों का जाप स्तोत्र पाठ और दान यह अनुकूल परिणाम देने में सहायक होंगे।
डिस्क्लेमर :- उपरोक्त जानकारी उत्तर भारत में प्रचलित ज्योतिष शास्त्र के आधार पर प्रकाशित की गई है, और केवल उन्हीं पाठकों के लिए उपयोगी है, जो उत्तर भारतीय ज्योतिष के निर्देशों का पालन करते हैं। भारत देश में ज्योतिष की विभिन्न पद्धतियां लोकप्रिय हैं। कृपया इस जानकारी के आधार पर किसी भी प्रकार का फैसला लेने से पहले अपने विद्वान ज्योतिषी से संपर्क अवश्य करें।
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