स्टूडेंट हो तो ऐसा - डिग्री के 35 साल बाद कॉलेज को 24 करोड़ की 4 इलेक्ट्रिक बसें डोनेट की

MANIT BHOPAL ने अब तक लाखों विद्यार्थियों की जिंदगी बदल दी है परंतु ऐसे छात्रों की संख्या बहुत कम है जिन्होंने जिंदगी बदल जाने और सक्षम हो जाने के बाद MANIT BHOPAL की सूरत बदलने की कोशिश की। श्री विवेकानंद देवांगन का नाम इस लिस्ट में सबसे ऊपर और स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाना चाहिए। उन्होंने अपनी डिग्री पूरी करने के 35 साल बाद कॉलेज की प्रॉब्लम को आईडेंटिफाई किया और 24 करोड़ रुपए मूल्य की चार इलेक्ट्रिक बस डोनेट कर दी। 

MANIT BHOPAL के Ex STUDENT विवेक देवांगन कौन है

मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) राजधानी का पहला ऐसा संस्थान बन गया है जहां छात्र कैंपस के भीतर टू-व्हीलर का उपयोग नहीं करेंगे, क्योंकि यहां अब उनके लिए इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। मैनिट में 4 इलेक्ट्रिक बसें आ चुकी हैं। प्रत्येक की कीमत 6 करोड़ रुपए है। मैनिट के पूर्व छात्र विवेक देवांगन (1989 बैच) ने संस्थान के लिए ये बसें दी हैं। वे आईएएस हैं। वर्तमान में आरईसी लिमिटेड के सीएमडी हैं। 

गौरतलब है कि यहां के पूर्व छात्र मैनिट के लिए मेंटरिंग सेशन, इंटर्नशिप, इवेंट स्पांसरशिप, इंडस्ट्री-एकेडमिया काॅलोब्रेशन आदि में भी सहयोग करते हैं। मैनिट एलुमिनी एसोसिएशन के प्रेसीडेंट बिप्लव डे ने भी इस पूरी प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी की। मैनिट के अधिकारियों ने बताया कि अगले कुछ दिनों में पूर्व छात्रों को भी बुलाकर बसों को हरी झंडी दिखाकर शुरू किया जाएगा। 

विवेक कुमार देवांगन मणिपुर कैडर [1993 बैच] के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उन्होंने एनआईटी, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक्स में बी.ई. और आईआईटी, दिल्ली से ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स एंड ऑप्टिकल कम्युनिकेशन में पी.जी. किया है। आरईसी में नियुक्ति से पहले, वे भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय में अपर सचिव के पद पर कार्यरत थे।

उन्होंने, आई.ए.एस. अधिकारी के अपने करियर के दौरान वित्त, विद्युत/ऊर्जा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, चुनाव/विधि एवं न्याय, वाणिज्य एवं उद्योग, मंत्री कार्यालय [कॉर्पोरेट कार्य/कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग] शिक्षा/मानव संसाधन विकास, रेशम उत्पादन/कृषि एवं सहयोग, आर्थिक कार्य, अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, जिला प्रशासन [छत्तीसगढ़ में सरगुजा और रायपुर जिला और मणिपुर में सेनापति जिला] तथा राजस्व प्रशासन के क्षेत्रों में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है।
विवेक कुमार देवांगन, आरईसी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (पूर्ववर्ती नाम आरईसी पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड) के पदेन अध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा, वे विद्युत क्षेत्र की कंपनियों जैसे: एनटीपीसी लिमिटेड, एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड और दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) में सरकार द्वारा नामित निदेशक थे। 

एक बस में 50 छात्र बैठ सकेंगे 

मैनिट को ग्रीन कैंपस बनाने की योजना के चलते इन बसों का यहां संचालन किया जाएगा। यहां विभिन्न कोर्सेस में पांच हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। अधिकारियों के मुताबिक यहां लगभग ढाई हजार वाहन थे। इन्हें अब कैंपस में नहीं लाया जा सकेगा। इससे यहां प्रदूषण भी रुकेगा। मैनिट के अधिकारियों के मुताबिक बस की क्षमता 50 सवारी की है। ये बसें हॉस्टल से उनके डिपार्टमेंट तक चलेंगी। इसके अलावा अगर छात्रों को कैंपस से बाहर किसी काम से जाना है तो यह उन्हें मेन गेट तक छोड़ेंगी। कैंपस के बाहर से छात्र अन्य साधन से गंतव्य तक जा सकेंगे।

600 एकड़ में फैला है कैंपस

संस्थान लगभग 600 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। ऐसे में छात्र बाइक से दिनभर यहां से वहां आते-जाते थे। कई बार तेज रफ्तार वाहन चलाने की शिकायतें भी मिलती थीं। इसके अलावा दुर्घटनाएं भी होती थीं। अब यह छात्रों के लिए टू-व्हीलर फ्री जोन बन गया है। 

मैनिट के अधिकारियों ने बताया कि इसका एक फायदा यह भी होगा कि छात्र हॉस्टल से देर रात यहां-वहां नहीं जा सकेंगे। कार्यालयीन समय में ही बसों का संचालन होगा। इससे छात्र समय से डिपार्टमेंट पहुंच सकेंगे। समय की बचत होगी तो पढ़ाई पर फोकस कर सकेंगे। 

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