मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल जिले के 2 गांव (दामखेड़ा एवं चंदनपुरा) की वाल्मी पहाड़ियां जैव विविधता विरासत स्थल के रूप में अधिसूचित कर दी गई है। नेशनल लेवल पर यह भारत की 48वीं बायोडायवर्सिटी हेरिटेज साइट है और मध्य प्रदेश में यह चौथा जैव विविधता विरासत स्थल बन गया है।
दामखेड़ा एवं चंदनपुरा की वाल्मी पहाड़ियों में क्या खास बात है
मध्य प्रदेश राजपत्र में बताया गया है कि यह दोनों पहाड़ियां भोपाल शहर के ग्रीन बेल्ट में आती है और पारिस्थितिकी दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें 151 जीव-जन्तु प्रजातियां हैं, जिनमें 29 सरीसृप, 07 उभयचर, 14 स्क्वामाटा, 13 स्तनधारी, 71 पक्षिवृंद और 15 तितली प्रजातियां सम्मिलित हैं। साथ ही पौधों की 173 प्रजातियां उपलब्ध हैं, जिनमें 53 औषधीय और 08 दुर्लभ पौधों की प्रजातियां सम्मिलित हैं। उक्त परिसर भोपाल कालियासोत बांध के तट पर स्थित है, जो पारिस्थितिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है तथा इसे संरक्षित किए जाने की आवश्यकता है।
मध्य प्रदेश में जैवविविधता के संरक्षण के लिए कानून
अतएव, जैवविविधता अधिनियम, 2002 (2003 का 18) की धारा 37 की उप-धारा (1) तथा मध्यप्रदेश जैवविविधता नियम, 2004 के नियम 22 के उप-नियम (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, राज्य सरकार, मध्यप्रदेश जैवविविधता बोर्ड के परामर्श से, एतदद्वारा, अनुसूची में यथा उल्लिखित वाल्मी परिसर, जिला भोपाल को जैवविविधता विरासत स्थल के रूप में अधिसूचित करती है। विस्तार से पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक करें। सिस्टम आपको रीडायरेक्ट करेगा और आपकी स्क्रीन पर मध्य प्रदेश गवर्नमेंट प्रेस की अधिकृत वेबसाइट पर अपलोड मध्य प्रदेश राजपत्र क्रमांक 209 दिनांक 26 जुलाई 2024 डिस्प्ले हो जाएगा। ऑनलाइन पढ़ सकते हैं और सिग्नल क्लिक से डाउनलोड भी कर सकते हैं।
जैव विविधता विरासत स्थल क्या होते हैं
यह पृथ्वी के वह विशेष क्षेत्र होते हैं जहां पर जैव विविधता का अनूठा संग्रह पाया जाता है। यहां कुछ ऐसी दुर्लभ वनस्पति अथवा जीव जंतुओं की प्रजातियां पाई जाती है जो पृथ्वी पर मनुष्यों के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए अनिवार्य हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि पृथ्वी पर कुछ खास प्रकार के पेड़ पौधे और जीव जंतु नष्ट हो गए तो इसकी प्रतिक्रिया में मनुष्य भी नष्ट हो जाएंगे या फिर शायद पृथ्वी पर पूरा जीवन ही नष्ट हो जाएगा। इसलिए ऐसे स्थानों को संरक्षित किया जाता है। ताकि कोई माफिया जंगल को काटकर खेती न कर ले। ताकि कोई बिल्डर जंगल को साफ करके टाउनशिप ना बना दे। ताकि कोई कलेक्टर किसी भी कारण के चलते ऐसी जमीन का डायवर्सन ना कर दे।
भारत में कुल कितने जैव विविधता विरासत स्थल हैं
राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 2024 तक भारत में टोटल 47 बायोडायवर्सिटी हेरीटेज साइट्स थी। भारत की पहली बायोडायवर्सिटी हेरिटेज साइट सन 2007 में कर्नाटक राज्य के बेंगलुरु में स्थित नल्लूर इमली ग्रोव को घोषित किया गया था।
मध्य प्रदेश में कुल कितनी बायोडायवर्सिटी हेरिटेज साइट हैं
- Naro Hills, Satna
- Patalkot, Chhindwara
- Amarkantak, Anuppur
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