मध्य प्रदेश की विधानसभा में आज कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग पर ताबड़तोड़ हमले चल रहे हैं। ध्यानाकर्षण के दौरान मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज मान्यता घोटाले पर चर्चा हो रही है। इस दौरान कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने कई बड़े खुलासे किए।
कांग्रेस विधायक एवं उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे
- नर्सिंग काउंसिल में लंबे समय से रेगुलर स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है। आउटसोर्स कर्मियों के सहारे संचालन किया जा रहा है। यह जानबूझकर किया जा रहा है ताकि घोटाले किए जा सकें।
- 80% कॉलेज में सैकड़ों कमियां हैं। नर्सिंग संस्थाओं के पास स्वयं के भवन, लैब, लाइब्रेरी, टीचिंग स्टाफ और अस्पताल नहीं है।
- विश्वास सारंग के मंत्री रहने के दौरान 1 वर्ष में 219 कॉलेज खोले गए। कोविड काल में यह सारा खेल हुआ।
- योगेश शर्मा की नियुक्ति में नियमों का पालन नहीं किया गया है। डॉ. योगेश शर्मा को प्रतिनियुक्ति के दौरान भोपाल के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में पदस्थ करने संबंधित पत्र तत्कालीन विभागीय मंत्री विश्वास सारंग ने लिखा था।
- मंत्री विश्वास सारंग जांच प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में क्या उन्हें मंत्रिमंडल से हटाया जाएगा?
- रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई हो। एसीएस जो पहले थे, अभी भी हैं, उनको हटाया जाए।
- इस मामले में जिम्मेदार महेंद्र गुप्ता की संपत्ति की जांच होनी चाहिए ।
कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह
सीबीआई का जांच अधिकारी भी भ्रष्ट निकला। 15 दिसंबर 2022 को ऐसे कॉलेजों को मान्यता देने का पत्र जारी किया गया, जो अमान्य घोषित थे। भोपाल के मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग को मंत्री के पत्र के सात दिन बाद 22 दिसंबर 2022 को मान्यता दे दी जाती है। इसका मालिक जेल में है। इसके बाद दो और बैठकों में 17 और 21 कॉलेजों को मान्यता दी गई। ये भी अमान्य थे। ऐसे में शिक्षा मंत्री से आग्रह है कि वह इसकी जानकारी अपने वक्तव्य में जरूर दें कि पूर्व मंत्री पर क्या कार्रवाई की जाएगी?
समाचार लेकर जाने तक विधानसभा में चर्चा जारी थी।
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