मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के नेता विपक्ष में होने का लाभ उठा रहे हैं। जनता के हित में सत्ता से संघर्ष करने के स्थान पर, जनहित के मुद्दों पर सौदेबाजी की शिकायत है अक्सर सामने आती रहती है। एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे और इनके सर संचालक दिग्विजय सिंह पर सवाल उठाए जा रहे हैं। राजधानी में ब्यूरोक्रेट्स और कांग्रेस पार्टी से जुड़े प्रोफेशनल्स का कहना है कि, अशोका गार्डन पुलिस थाने में हुए सुंदरकांड के हवन में नर्सिंग कॉलेज कांड का विरोध स्वाहा हो गया।
मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज मान्यता एवं संबद्धता घोटाले में हाई कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच चल रही है। विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष की पार्टी होने के नाते कांग्रेस ने नरसिंह घोटाला में तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग पर आरोप लगाए और इस्तीफा की मांग की। लोकतंत्र की प्रक्रिया में यही होना चाहिए। सदन के अंदर जो भी हुआ, जितने भी सवाल जवाब हुए, सदन की मर्यादा के अंदर और मध्य प्रदेश की राजनीतिक परंपरा के तहत हुआ। इसके बाद अचानक इस मामले में एक नया "सीजन" जोड़ दिया गया।
अचानक दोनों पक्षों में सड़क पर संघर्ष शुरू हुआ
इसका कोई औचित्य नहीं था लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता TT नगर पुलिस थाने में विश्वास सारंग के खिलाफ FIR दर्ज करवाने पहुंच गए। वह थाने से बाहर नहीं निकाल पाए थे कि अचानक विश्वास सारंग के समर्थन में महिलाओं ने पुलिस थाने का घेराव कर डाला और थाने के भीतर बैठे कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग करने लगी।
इसके बाद विश्वास सारंग के विधानसभा क्षेत्र अशोका गार्डन में कांग्रेस पार्टी द्वारा पैदल मार्च किया गया। यह एक अच्छा प्रदर्शन था और निश्चित रूप से सबका ध्यान खींच लेता परंतु अशोका गार्डन थाने के दरवाजे पर सुंदरकांड को लेकर विवाद शुरू हो गया। मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के सरसंचालक दिग्विजय सिंह ने नर्सिंग कॉलेज कांड छोड़कर सुंदरकांड को पकड़ लिया और बात का बतंगड़ बना डाला।
इसके बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी की राजनीति से नर्सिंग कॉलेज कांड की चर्चा खत्म हो गई। सुंदरकांड को लेकर ज्ञापन प्रदर्शन हुए और अब सब कुछ शांत हो चुका है।
पब्लिक कांग्रेस पार्टी के इस प्रकार अचानक चुप हो जाने को लेकर सवाल उठा रही है। राजनीति के विद्वान इस विषय की चर्चा आते ही मुस्कुरा उठाते हैं, जैसे उन्हें मालूम है कि मुद्दा क्यों उठाया गया था और अब, सब चुप क्यों हो गए हैं।
क्या कांग्रेस पार्टी के सरसंचालक की विश्वास सारंग के साथ चाय पर चर्चा हो गई। या फिर कांग्रेस पार्टी को पता चल गया है कि, विश्वास सारंग निर्दोष है और उनका विरोध करके कांग्रेस पार्टी अन्याय कर रही है।
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