BHOPAL NEWS - दिग्विजय सिंह को पुलिस थाने के मंदिर में सुंदरकांड पर आपत्ति, बोले बकरीद मनाएंगे

मध्य प्रदेश के कई पुलिस थानों में छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं। कुछ पुलिस थानों में दरगाह भी है। यह प्रार्थना स्थल वहां की स्थानीय मान्यता एवं प्राचीन स्थापना के आधार पर हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पुलिस थाना परिसर के अंदर मंदिर में प्रार्थना पर आपत्ति उठाई है। उन्होंने ऐलान किया है कि यदि पुलिस थाने के अंदर मंदिर में पूजा प्रार्थना की गई तो हम बकरीद भी मनाएंगे। 

घटना का विवरण और विवाद का कारण 

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की हुजूर विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने पैदल मार्च किया और मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज मान्यता एवं संबद्धता घोटाला मामले में FIR दर्ज करने हेतु आवेदन दिया। जब कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता पुलिस थाने पहुंचे तो, पुलिस ने बैरिकेडिंग करके थाने के अंदर आने का रास्ता बंद कर दिया था। थाना परिसर में एक मंदिर है। यहां पर टेंट लगाकर सुंदरकांड का पाठ किया जा रहा था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को देखकर सुंदरकांड के पाठ में शामिल कुछ महिलाएं बाहर निकल आई और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के खिलाफ नारेबाजी करने लगी। महिलाओं ने दिग्विजय सिंह पर सुंदरकांड बंद कराने का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराने थाने में आवेदन दिया। इसमें अभद्रता के आरोप भी लगाए। 

अब पुलिस थाने में बकरा ईद भी मनेगी, दिग्विजय सिंह ने कहा

इस आरोप की प्रतिक्रिया में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि, थाने में सुंदरकांड का पाठ चल रहा था। मैं 10 साल सीएम रहा। ये कहीं नहीं लिखा कि थाने में सुंदरकांड हो सकता है। टीआई ने बताया कि ये पुलिस ने आयोजित किया। फिर कहा, नरेश यादव के जन्मदिन पर पुलिस की ओर से पाठ किया गया है। हमारे कार्यकर्ताओं का जन्मदिन भी थानों में मनेगा। बकरा ईद और गुरुनानक जयंती भी मनेगी। 

दिग्विजय सिंह के बयान में आपत्तिजनक क्या है 

मध्य प्रदेश में जब दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे तब भी पुलिस थाना परिसर में स्थित मंदिर में नियमित रूप से पूजा पाठ और विशेष अवसरों पर भजन पूजन एवं रात्रि जागरण भी होते थे। जिन पुलिस थाना परिसर में दरगाह है, वहां पर भी नियमित पूजा और वार्षिक कार्यक्रम होते थे। यह परंपरा अब भी जारी है। गुरु नानक जयंती का आयोजन पर किसी को आपत्ति नहीं है। उल्टा कई पुलिस थानों की ओर से गुरु नानक जयंती के अवसर पर नागरिकों को निशुल्क जलपान करवाया जाता है। यदि दिग्विजय सिंह कहते कि हम भी उर्स मनाएंगे, तो भी कोई आपत्ति नहीं होती। उन्होंने कहा है कि हम बकरा ईद मनाएंगे। यानी पुलिस थाने के अंदर बकरे काटे जाएंगे। 

दिग्विजय सिंह पॉलिटिकल ट्रैप का शिकार 

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बयान देने में गलती कर दी। स्पष्ट दिखाई दे रहा था कि पुलिस थाने के अंदर मौजूद मंदिर में सुंदरकांड का पाठ चल रहा था। इस धार्मिक कार्यक्रम में मंत्री विश्वास सारंग के समर्थक एक खास रणनीति के तहत शामिल हो गए। उनकी रणनीति थी कि वह कांग्रेस पार्टी प्रदर्शन पर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे और कांग्रेस पार्टी के नेताओं को ट्रैप करेंगे। वह अपनी योजना में सफल भी रहे। उन्होंने एक तरफ कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन को डिस्टर्ब किया और दूसरी तरफ नेताओं के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत भी कर दी। एक माहौल बना दिया गया कि दिग्विजय सिंह ने मंदिर के अंदर चलता हुआ सुंदरकांड का पाठ रुकवा दिया। 

दिग्विजय सिंह ने क्या गलती कर दी

यदि दिग्विजय सिंह मंदिर परिसर में सुंदरकांड के पाठ पर आपत्ति उठाने के बजाय विश्वास सारंग की चाल का खुलासा कर देते। तो बाजी उल्टी पड़ जाती। यदि प्रदर्शन करने आए कांग्रेस के कार्यकर्ता सुंदरकांड के पाठ में शामिल हो जाते, तो विश्वास सारंग के समर्थकों को लेने के देने पड़ जाते, लेकिन शायद उन्हें पता था, दिग्विजय सिंह और उनके साथियों की प्रतिक्रिया क्या होगी। इसलिए पुलिस थाना परिसर में बकरा काटकर ईद मनाने का बयान देकर दिग्विजय सिंह उनके जाल में फंस गए हैं। ✒ उपदेश अवस्थी

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