जो कोई व्यक्ति चोरी की संपत्ति वापस दिलवाने के लिए किसी संपत्ति मालिक से समझौता कर यह एग्रीमेंट करता है कि वह उसे कतिपय शर्तों के अनुसार उसकी अचल संपत्ति को चोर से वापस दिलवा सकता है तब समझौता करने वाला व्यक्ति किस धारा के अंतर्गत दोषी होगा जानिए।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 252 की परिभाषा
चोरी की संपत्ति आदि को वापस प्राप्त करने के प्रयास में सहायता करने के बदले उपहार लेना: जो कोई व्यक्ति किसी ऐसी चोरी की संपत्ति वापस करवाने के लिए संपत्ति मालिक से करार करता है जैसे कि चोर के खिलाफ कार्यवाही नहीं करना, स्वयं के लिए पैसे की मांग करना आदि तब वह व्यक्ति BNS की धारा 252 के अंतर्गत दोषी होगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 Section 252 Provision of punishment
इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात् पुलिस अधिकारी द्वारा इस अपराध की डायरेक्ट एफआईआर दर्ज हो सकती है एवं प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद भी लगाया जा सकता है। इस अपराध की सुनवाई प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है, एवं यह अपराध समझोते योग्य नहीं है।
सजा:- धारा के अपराध के मे अपराधी को दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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