किसी भी अपराधी को आश्रय देना भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 249 के अंतर्गत अपराध होता है, एवं कोई व्यक्ति के विरुद्ध अपराध साबित हो गया है और वह न्यायिक अभिरक्षा से आदेश होने के तुरंत बाद भाग गया है तब उस अपराधी को आश्रय देने वाले व्यक्ति को भारतीय न्याय संहिता,2023 की धारा 253 के अंतर्गत दण्डित किया जाएगा, लेकिन अगर कोई व्यक्ति किसी डाकू या लुटेरों को आश्रय देते हैं तब उनके खिलाफ एक नई धारा के अंतर्गत कार्यवाही होगी जानिए।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 254 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति यह बात यह बात जानता है कि आश्रय मांगने वाला व्यक्ति डाकू अथवा लुटेरा है, इसके बावजूद उसे आश्रय देता है। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए छुपने की जगह देता है। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 254 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और सजा के निर्धारण के लिए उसे पड़कर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। नोट:- पति या पत्नी को पत्नी या पति द्वारा आश्रय देना इस धारा के अंतर्गत अपराध नहीं।
Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 Section 254 Provision of punishment
इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस अधिकारी द्वारा इस अपराध की तुरंत एफआईआर दर्ज होगी एवं इस अपराध की सुनवाई प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाएगी, एवं यह अपराध किसी भी प्रकार से समझोता योग्य नहीं है। सजा:- इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम सात वर्ष की कारावास और जुर्माना दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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