सरकारी अधिकारी द्वारा किसी व्यक्ति को दण्ड से बचाने के लिए विधि के आदेश की अवज्ञा करना भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 255 के अंतर्गत अपराध होता है, लेकिन अगर कोई लोक सेवक किसी व्यक्ति को दंड से बचाने के लिए, या उसे दंड कम मिले, या उसकी संपत्ति को जप्त होने से बचाने के लिए, दस्तावेजों में अशुद्ध करता है, या कूट रचना करता है, ओवरराइटिंग करता है अथवा किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ करता है तब उस अधिकारी अथवा कर्मचारी खिलाफ क्या कानूनी कार्यवाही होगी, जानिए।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 256 की परिभाषा
जो कोई लोक सेवक किसी व्यक्ति को दण्ड से बचाने के लिए, व्यक्ति को कम दण्ड दिलवाने के लिए, किसी को कर्ज के भार से बचाने के लिए या संपत्ति समपहरण से बचाने के लिए अशुद्ध दस्तावेज की रचना करेगा वह लोक सेवक BNS की धारा 256 के अंतर्गत दोषी होगा।
THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023 Section 256 Provision of punishment
इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस अधिकारी द्वारा इस अपराध में डायरेक्ट एफआईआर दर्ज हो सकती है। इस अपराध में मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद दायर किया जा सकता है। इस अपराध की सुनवाई प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है एवं यह अपराध किसी भी प्रकार से समझौता अथवा राजीनामा योग्य नहीं होगा। इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
विनम्र अनुरोध🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Legal पर क्लिक करें।