भारतीय न्याय संहिता की धारा 259 कहती है कि अगर कोई लोक सेवक (पुलिस अधिकारी अथवा कोई भी सरकारी कर्मचारी) किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं करता या उसकी गिरफ्तारी का लोप कर देगा या भगा देगा तब वह लोक सेवक अपराधी घोषित कर दिया जाएगा एवं भारतीय न्याय संहिता की धारा 260 कहती हैं कि अगर कोई लोक सेवक किसी अपराधी को, जिसे दोषी ठहरा दिया गया है उसे अभिरक्षा से भगा देता है या उसे जाने देता है तब लोक सेवक को उपर्युक्त धारा के अंतर्गत दोषी माना जाएगा। जांच के दौरान यदि यह पाया जाए कि, कोई अपराधी, लोक सेवक की लापरवाही के कारण फरार हो गया है, तब उस लोक सेवक को माफ कर दिया जाएगा या फिर उसके खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जानिए -
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 261 की परिभाषा
लोक सेवक (पुलिस अधिकारी अथवा पुलिसकर्मी अथवा कोई भी सरकारी कर्मचारी जैसे अपराधी को हिरासत में रखने के लिए अथवा गिरफ्तार करने के लिए अधिकृत किया गया है) जिसने विधि के अनुसार किसी आरोपी या अपराधी को गिरफ्तार किया है और वह आरोपी या अपराधी लोक सेवक की उपेक्षा (लापरवाही, ध्यान न देने) के कारण भाग जाता है तब उस लोक सेवक को भारतीय न्याय संहिता, की धारा 261 के अंतर्गत अपराधी घोषित किया जाएगा एवं विभागीय कार्रवाई के अलावा उसे एक अपराधी की तरह दंडित किया जाएगा।
अपराध के आवश्यक तत्व:-
1. गिरफ्तारी विधि के अनुसार की गई हो।
2. लोक सेवक की उपेक्षा से आरोपी या अपराधी भगा गया हो।
3. आपराधिक मामले में ही आरोपी या अपराधी की गिरफ्तारी हुई हो।
THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023,SECTION 261 PROVISION OF PUNISHMENT
इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात इस अपराध में पुलिस डायरेक्ट एफआईआर दर्ज कर सकती है एवं इस अपराध के लिए लोक सेवक के विरुद्ध न्यायालय में परिवाद लगाया जा सकता है। इस अपराध की सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है एवं यह अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं अर्थात इस अपराध ने राजीनामा नहीं किया जा सकता है।
इस अपराध के लिए दोषी अपराधी को दो वर्ष की सदा कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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