संक्रामक रोग वायुमंडल (हवा) के माध्यम से किसी अन्य व्यक्तियों में फैलता है, सामान्य शब्दों मे कह सकते हैं कि इस रोग को फैलाने के लिए किसी व्यक्ति का रोगी के संपर्क में आना आवश्यक नहीं है हवा के माध्यम से ये संक्रमण रोग फैलते है जैसे कि कोरोना, हैजा, प्लेग आदि अर्थात संक्रामक रोग होते हैं, जो हवा द्वारा फैलते है। अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर इन रोगों फैलाता है तब उसके खिलाफ नए कानून में किस धारा के अंतर्गत मामला दर्ज होगा।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 271 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति उपेक्षापूर्ण ,लापरवाही द्वारा जानते हुए कोई संक्रामक रोग फैलाता है जिससे कि किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को शारीरिक क्षति होने की संभावना हो या जिसके कारण कोई संकटपूर्ण स्थिति बनने वाली हो तब येसा व्यक्ति भारतीय न्याय संहिता की धारा 271 के अंतर्गत दोषी होगा।
इस अपराध के अवश्यक तत्व:-
1. व्यक्ति स्वयं किसी संक्रमण रोग से पीड़ित होना चाहिए ।
2. उसने जानबूझकर कर इस रोग को किसी अन्य व्यक्ति में फैलाया हो।
3. उसके कारण किसी अन्य व्यक्ति को क्षति हुई हो।
THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023,SECTION 271 PROVISION OF PUNISHMENT
इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की एफआईआर दर्ज होगी एवं कार्यवाही कर के आरोपी को जमानत पर छोड़ सकती है। इस अपराध की सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है एवं यह समझौता योग्य नहीं है अर्थात् राजीनामा नहीं किया जा सकता है। इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम छ: माह की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।