बहुत से लोकसेवक या आम व्यक्ति भी अपराधियों को दण्ड से बचाने के लिए उपहार, रिश्वत ले लेते है जिससे अपराधी को भगाने में, छुपने में सहायता मिल जाती है लेकिन ऐसे सरकारी अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही हो सकती है जो रिश्वत लेकर अपराधी को बचा लेते हैं जानिए।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 250 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति (इसमें सरकारी कर्मचारी भी शामिल है) किसी फरार अपराधी से उपहार, भेंट, रिश्वत लेकर उसे भगाता है, छुपाता है, बचाता है तब वह व्यक्ति भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 250 के अंतर्गत दोषी होगा।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस अपराध के प्रमुख तीन अवश्यक तत्व बताएं है कि उपहार, भेंट-
1. किसी अपराध को छिपाने के लिए।
2. किसी व्यक्ति को विधि के अंतर्गत दण्ड से बचाने के लिए।
3. उसे दण्डित नहीं करने के लिए ली गई हो।
मीर फ़ौज अली बनाम महाराष्ट्र राज्य मामले मे बंबई हाइकोर्ट द्वारा कहा गया कि जब तक जांच या अन्वेषण में यह साबित नहीं हो जाता कि व्यक्ति ने अपराधी को बचाने या छुपाने के लिए उपहार लिया है तब तक किसी को दोष सिद्ध किया जाना न्यायोचित नहीं है।
Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 Section 250 Provision of punishment
इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं अर्थात् पुलिस अधिकारी द्वारा इस अपराध की डायरेक्ट एफआईआर दर्ज हो सकती है एवं प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद भी लगाया जा सकता है। इस अपराध की सुनवाई प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है।
धारा के अपराध के दण्ड को तीन भागों में बांटा गया है:-
1. अगर कोई व्यक्ति मृत्यु दण्ड से दण्डित अपराधी को बचाने के लिए उपहार लिया है तो उसे सात वर्ष की कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
2. अगर कोई व्यक्ति आजीवन कारावास या दस वर्ष तक के दंड से दण्डित अपराधी को बचाने के लिए उपहार लिया है तब उसे अधिकतम तीन वर्ष के कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
3. अगर अपराधी का अपराध कम से कम कारावास से अधिकतम दस वर्ष से कम कारावास का है उसे बचाने के लिए उपहार लिया है तब उसे अपराध की अधिकतम सजा के एक चौथाई दण्ड से दण्डित किया जाएगा। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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