BNS - भारतीय न्याय संहिता में दुर्घटनाओं से संबंधित क्या प्रावधान है जानिए - legal advice

Bhopal Samachar
वर्तमान समय में सड़क दुर्घटनाएं एक गम्भीर समस्या है। बहुत से लोगों की दुर्घटना से मौत भी हो जाती है। इसी को ध्यान मे रखते हुए भारत सरकार द्वारा भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 106 (2) में नया प्रावधान किया गया है। अगर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को टक्कर मारकर भाग जाता है तो उसका यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय होगा एवं अधिकतम 10 वर्ष की कारावास भी होगी लेकिन वाहन चालकों के विरोधाभास के कारण अभी इस कानून को लागू नहीं किया गया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वाहन चालकों पर पर कानून कोई कार्यवाही नहीं करेगा भारतीय न्याय संहिता में मे तेज वाहन चालक के खिलाफ क्या कार्यवाही हो सकतीं है जानिए:-

1.  भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 281 :- 

अगर कोई व्यक्ति सार्वजानिक स्थान या लोक सड़क पर तेज गति से वाहन चलाता है या कोई घोड़ा गाड़ी, बैल गाड़ी हांकता है, तब उसका यह अपराध संज्ञेय होगा अर्थात पुलिस थाने में उस व्यक्ति पर एफआईआर दर्ज होगी एवं ऐसे व्यक्ति अधिकतम छ: माह तक जेल की कारावास होगी या एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों लग सकते हैं।

2.  भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 125:- 

अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर तेज गति से वाहन चलाता है, तब उसके खिलाफ BNS की धारा 281 के अंतर्गत कार्यवाही होगी। अगर उसके तेज गति से वाहन चलाने के कारण मानव संकट उत्पन्न होता है अर्थात लगता है की तेज गति वाहन के कारण किसी को समान्य चोट या गंभीर चोट हो सकती है, तब ऐसे वाहन चालक के खिलाफ उक्त धारा के अंतर्गत कार्यवाही होगी एवं यह भी संज्ञेय अपराध है। पुलिस अधिकारी इस अपराध में तुरंत एफआईआर दर्ज कर ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही कर सकता है एवं कार्यवाही कर थाने से उसे ज़मानत पर छोड़ सकता है। इस अपराध के लिए तीन माह की कारावास या 2500/- रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

3.  भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 125(क) :- 

अगर तेल गति से वाहन चलते समय कोई वाहन चालक किसी व्यक्ति को छोटी सी समान्य चोट कर देता है तब उस चालक का यह अपराध संज्ञेय होगा अर्थात्‌ पुलिस अधिकारी द्वारा तुरंत एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी एवं आरोपी को थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया जा सकता है एवं अपराधी को अधिकतम 06 माह की कारावास या 5000/- रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

4.  भारतीय न्याय संहिता ,2023 की धारा 125(ख) :- 

अगर तेल गति से वाहन चलते समय कोई वाहन चालक किसी व्यक्ति को गंभीर चोट कर देता है तब उस चालक का यह अपराध संज्ञेय होगा अर्थात्‌ पुलिस अधिकारी द्वारा तुरंत एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी एवं आरोपी को थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया जा सकता है एवं अपराधी को अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या दस हजार रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

5.   भारतीय न्याय संहिता ,2023 की धारा 106 :- 

अगर तेल गति से वाहन या उपेक्षा पूर्वक वाहन चलते समय कोई वाहन चालक किसी व्यक्ति की मृत्यु कर देता है तब उस चालक का यह अपराध संज्ञेय होगा अर्थात्‌ पुलिस अधिकारी द्वारा तुरंत एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी एवं आरोपी को थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया जा सकता है एवं अपराधी को अधिकतम पाँच वर्ष तक कारावास या  जुर्माना जो न्यायालय उचित समझे लगा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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