माननीय मुख्यमंत्री जी, सरकार महिलाओं को 1250 देकर खुश कर रही है पर युवाओं को नौकरी नही देना चाहती, शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की आपूर्ति चयन परीक्षा द्वारा न करा कर संविदा (अतिथि शिक्षक) पर 10000-15000 हजार रूपए महीने देकर काम चलाना चाहती है तथा अतिथि शिक्षक भी अपारदर्शी व्यवस्था द्वारा चुने गए है। शासकीय विद्यालयों में हजारों शिक्षको के पद रिक्त पड़े है जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही ही वही बेरोजगार उम्मीद से तैयारी कर शिक्षक बनने के सपने देख रहे है।
प्रतियोगिता परीक्षा नाममात्र की हो जायेगी
कल की खबर द्वारा पता चला कि संविदा पर रखे बिजली कर्मचारी को जो बिना परीक्षा पास किए स्थानीय स्तर पर चुने गए कर्मचारी जिनको 5 साल के लिए स्थाई किया गया है। जिन्हे बीमा वगैरह का लाभ मिलेगा। वहीं शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षकों को स्थाई करने का आंदोलन भी अतिथि शिक्षक भोपाल में चला रहे हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि प्रतियोगिता परीक्षा नाममात्र की हो जायेगी या जो छात्र प्रतियोगिता परिक्षा की तैयारी कर चयन होने की उम्मीद करते है वह तो बिलकुल ही हताश हो जायेंगे, जिन्होंने करीब 5 से 7 साल उम्मीद से तैयारी की हो।
आदरणीय मैं स्वयं शिक्षक भर्ती वर्ग 2 सामाजिक विज्ञान में चयन परिक्षा की तैयारी कर रहा हूं, तब पता चलता है कि अतिथि को आरक्षण 25 प्रतिशत (शिक्षक भर्ती परीक्षा में) साथ में बोनस अंक भी मिलते हैं। फिर भी वे बिना परीक्षा स्थाई होना, बिना मेहनत के लगने जैसा ही है या काबिलियत ना होने जैसा ही है।
एक ओर माध्यमिक विद्यालयों में सामाजिक विज्ञान विषय में शिक्षकों को 60 से 70 प्रतिशत पद पदोन्नति द्वारा भर दिए जाते है अर्थात कोई प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक को कुछ सालों बाद मात्र आवेदन करने व योग्यता बताने पर प्राथमिक विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाने हेतु भेज दिया जाता है, जिससे middle school में पद भर दिए जाते है खास तौर पर सामाजिक विज्ञान जैसे विषय के।
तभी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में सामाजिक विज्ञान में सिर्फ 100 से भी कम पदों का उल्लेख है जबकि पात्रता पास करने सिर्फ सामाजिक विज्ञान विषय में ही 70 हजार के करीब छात्र है। अन्य विषय में भी ऐसा ही है। आखिर जो शिक्षक पढ़ा रहे है वह भी परीक्षा क्यों न देकर पास हो और चयन ले।
माननीय महोदय, राजस्थान जैस राज्य करीब 50,000 या 30,000 पदों की भर्ती निकालते है तभी एक स्वस्थ प्रतियोगी माहौल और उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षक प्राप्त होंगे और समानता के अधिकार और लोक नियोजन में समानता जैसे अनुच्छेद को प्राप्त किया जा सकता है। ✒ सुभाष पाटीदार, आपका मध्यप्रदेश का एक छात्र।
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