GURU PURNIMA 2024 - DATE, MUHURT, POOJA VIDHI, गुरु पूर्णिमा की तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि

Bhopal Samachar
आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। मानव जाति के प्रति उनके योगदान को देखते हुए उनके जन्मोत्सव को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। महर्षि वेद व्यास ने ही मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था। इसलिए इन्हें प्रथम गुरु की उपाधि दी जाती है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर लोग अपने-अपने मान्य गुरुओं की भी पूजा करते हैं। 

गुरु पूर्णिमा - श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजन विधि

इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। जो लोग पवित्र नदियों में स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं वे नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें। नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। 

पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना का विशेष महत्व होता है। इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें। भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें। 

महर्षि वेदव्यास एवं चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व

गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास जी की पूजा-अर्चना करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन अपने- अपने गुरुओं का ध्यान करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु कृपा से व्यक्ति का जीवन आनंद से भर जाता है। पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें। चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है। इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें। अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

गुरु पूर्णिमा 2024 की तारीख एवं शुभ मुहूर्त 

पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 20 जुलाई को शाम 5:00 बजे और समापन दिनांक 21 जुलाई को शाम 4:00 बजे होगा। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में प्रारंभ एवं समापन के समय में कुछ मिनट का अंतर हो सकता है। कैलेंडर के हिसाब से पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 20 जुलाई को होता है परंतु गुरु पूर्णिमा भगवान श्री हरि विष्णु से संबंधित त्यौहार है इसलिए वैष्णव संप्रदाय के मत के अनुसार जिस स्थिति में सूर्य का उदय होता है, उसी दिन तिथि का त्योहार माना जाता है। इस प्रकार दिनांक 21 जुलाई को जब सूर्योदय होगा, तब पूर्णिमा तिथि होगी। इसलिए दिनांक 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। 

गुरु पूर्णिमा स्नान का मुहूर्त - प्रातः 05:30 बजे से 07:00 बजे तक। 

  • गुरु पूर्णिमा श्री हरि विष्णु एवं माता लक्ष्मी की पूजा का मुहूर्त - प्रातः 05:30 बजे से 07:00 बजे तक। 
  • गुरु पूर्णिमा महर्षि वेदव्यास की पूजा का मुहूर्त - 11:16 बजे से 01:06 बजे तक (दोपहर)। 
  • गुरु पूर्णिमा को गुरु पूजन का मुहूर्त - 11:16 बजे से 01:06 बजे तक (दोपहर)। 
डिस्क्लेमर - यह जानकारी भगवान श्री हरि विष्णु अथवा उनके अवतार में आस्था रखने वाले नागरिकों के लिए है। अन्य लोग कृपया किसी भी निर्देश का पालन नहीं करें।

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