सूबे के सरकारी महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध वर्षों से सेवा देने वाले अतिथि विद्वानों को विभाग ने फ़िर सत्र 2024-25 के लिए ज्वाइन करने का आदेश जारी किया है। अतिथि विद्वानों की महापंचायत के साथ 5/10/2023 को आदेश क्रमांक 1/1/201/2023/38-1 का उल्लेख करते हुए आगामी सत्र के लिए रिकॉल किया गया है।
अतिथि विद्वानो में काफ़ी रोष व्याप्त है
अतिथि विद्वान महासंघ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि, प्रदेश के सभी कॉलेजों में पिछले लगभग 25 वर्षों से अतिथि विद्वान सेवा कर रहे हैं एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उस समय के उच्च शिक्षा मंत्री वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अतिथि विद्वानों के महापंचायत में स्थाई करने एवं फिक्स वेतन की घोषणा कर चुके थे लेकिन जारी विभागीय आदेश ठीक इसके उलट निकला जिससे आज भी अतिथि विद्वानो में काफ़ी रोष व्याप्त है।
असुरक्षित भविष्य के बावजूद अतिथि विद्वान संभाल रहे हैं उच्च शिक्षा की कमान
अतिथि विद्वान महासंघ द्वारा बताया गया कि, प्रदेश के सरकारी कॉलेज आज अतिथि विद्वानों के भरोसे ही चल रहे हैं ये बात सरकार एवं विभाग को भी पता है लेकिन बड़ी बात है सब कुछ जानते हुए भी शासन प्रसाशन अनभिज्ञ बना हुआ है जो कई सवाल खड़े कर रहा है।एक तरफ नई शिक्षा नीति तो दूसरी तरफ पीएमश्री कॉलेज।लेकिन बड़ी बात है अतिथि विद्वानो का भविष्य सुरक्षा।आज इनकी उमर लगभग 55 से 60 वर्ष हो गई है।सरकार को उचित कदम उठाने की जरूरत है।
डॉ देवराज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अतिथि विद्वान महासंघ का बयान
प्रवेश,परीक्षा,प्रबंधन,अध्यापन, मूल्यांकन,नैक,रूसा आदि समस्त कार्य अतिथि विद्वान करते हैं लेकिन भविष्य सुरक्षित नहीं।मंत्री,मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री,पूर्व मुख्यमंत्री सब अतिथि विद्वानो के स्थाई/नियमितीकरण/समायोजन एवं फिक्स वेतन को बोल चुके हैं लेकिन फिर ये आदेश ने आज अतिथि विद्वानोँ को झकझोर दिया है।आखिर कब अतिथि विद्वानो को मिलेगा न्याय ये यक्ष प्रश्न आज भी बना हुआ है।
डॉ आशीष पाण्डेय, मीडिया प्रभारी अतिथि विद्वान महासंघ का बयान
अतिथि विद्वानों को पूरी आशा एवं उम्मीद थी कि पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय शिवराज जी एवं उस समय के उच्च शिक्षा मंत्री वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी के एलान घोषणा के अनुसार नियमितीकरण एवं फिक्स वेतन का आदेश जारी होगा लेकिन ये आदेश तो ठीक उनकी घोषणाओं के उलट है।अतिथि विद्वानोँ में काफी मायूसी है।सरकार तत्काल संज्ञान लेते हुए फिक्स वेतन एवं स्थाईकरण का आदेश जारी करेग।
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